
मेरठ। मेरठ में 20 दिसंबर को सीएए (CAA) के विरोध में हुई हिंसा के बाद दिल्ली में हुए बवाल पर इंटेंलीजेंस ब्यूरो (IB) की निगाह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर टिक गई है। आईबी की टीम इस बात पर पड़ताल पर जुट गई है कि मेरठ के बाद दिल्ली की हिंसा में पीएफआई की भूमिका तो नहीं है। सूत्रों के अनुसार आईबी टीम पीएफआई से जुड़े लोगों पर कड़ी निगरानी रख रही है।
इस मामले में आईबी की टीम पीएफआई के मेरठ स्थिति शास्त्रीनगर सेक्टर-13 के आफिस पर पहुंच, लेकिन टीम को यहां ताला मिला। टीम ने आसपास के लोगों से जानकारी हासिल की। इसके अलावा खुफिया विभाग ने भी पीएफआई के स्थानीय अध्यक्ष व अन्य जुड़े लोगों को निगरानी में लिया है।
पिछले साल 20 दिसंबर को मेरठ में सीएए के विरोध में लिसाड़ीगेट और हापुड़ रोड क्षेत्र में हिंसा हुई थी। इसमें पांच लोगों की मौत हुई थी। इसमें एक युवक दिल्ली की झिलमिल कालोनी का भी शामिल था। तब से चल रही प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि पीएफआई की ओर से मेरठ की हिंसा में फंडिंग की गई थी। इसके बाद से पुलिस पीएफआई के 21 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है। दिल्ली में हुई हिंसा के बाद खुफिया विभाग की टीमें अलर्ट हो गई हैं।
बताते हैं कि आईबी टीम रविवार को गोपनीय तरीके से शास्त्रीनगर सेक्टर-13 पहुंची। यहां के एक मकान में पीएफआई आफिस बना हुआ है। मेरठ में 20 दिसंबर को हिंसा से पहले इस आफिस से पोस्टर बांटने और बैठकें होने की बात सामने आयी थी। हालांकि अब यह आफिस बंद है। आसपास के लोगों ने बताया कि यह आफिस बंद रहता है। सूत्रों का कहना है कि आईबी टीम ने लिसाड़ी गेट के फतेउल्लापुर में स्थानीय पीएफआई अध्यक्ष के क्षेत्र में भी पूछताछ की है। इनके अलावा पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां भी इन पर निगरानी रखे हुए हैं।
Published on:
02 Mar 2020 12:25 pm
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