यह भी पढ़ेंः सहारनपुर में बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस का हुआ ये हाल दरअसल, दो दिन पहले मेरठ के अपर आयुक्त पद से बर्कास्त किए गए रणधीर सिंह दुहन ने बुधवार को भाजपा के सांसद हुकुम सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सब उनके इशारे पर हो रहा है। उन्होंने बताया कि जब मैं शामली में एडीएम वित्त के पद पर तैनात थी, तभी भाजपा नेता हुकुम सिंह की बेटी ने चुनाव लड़ा था और वह उस चुनाव में हार गई थी। इसके बाद भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने उनकी हार का ठीकरा मेरे सिर फोड़ दिया, जो कि एक दम गलत है। उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि ये सारी कार्रवाई राजनीति के चलते हुई है, क्योंकि जिस आधार पर कार्रवाई हुई है। वह सारे काम बड़े अफसरों के कहने पर नियमानुसार किया था, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। सिर्फ मेरे खिलाफ कार्रवाई का होना यह बताया है कि यह बदले की कार्रवाई है।
मेरठ में अपर आयुक्त के पद पर तैनात रहे रणधीर सिंह दुहन को शासन ने दो दिन पहले इसीलिए बर्खास्त कर दिया गया था कि शामली जिले में एडीएम वित्त के पद पर तैनात रहते समय उन्होंने नियमों के खिलाफ निष्करान्त संपत्ति की सन 2011-12 में नीलामी की थी। इस मामले में अपनी सफाई देते हुए दुहन ने कहा कि सारी कार्रवाई डीएम, कमिश्नर और दूसरे अधिकारियों की सहमति से हुई, लेकिन कैराना के भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने मेरे खिलाफ साजिश रची, क्योंकि इस जमीन पर हुकुम सिंह और उनके समर्थकों का कब्ज़ा था, जो नीलामी के बाद ज़मीन कब्ज़ा मुक्त हो गई थी। बर्खास्त अपर आयुक्त का कहना है कि हुकुम सिंह की बेटी ने कैराना से उप चुनाव में हार गई और इस हार का कारण मुझे बताया, जबकि ऐसा कुछ नही था। गौरतलब है कि रणधीर सिंह दुहन 1991 बैंच के हैं, फरवरी 2018 में वह सेवा निवृत होने वाले थे।
रणधीर सिंह 2012-2013 में शामली में अपर जिलाधिकारी के पद पर तैनात थे। इस दौरान रणधीर सिंह ने शत्रु संपत्ति की 27 हेक्टेयर जमीन बिना अधिकार नीलाम कर दी थी । इस पर मामले में सहारनपुर के तत्कालीन कमिश्नर तनवीर जफर अली ने जांच कर सभी आरोपों को सही पाया था। इस के बाद शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट और अन्य जांचों में आरोप सिद्ध होने की वजह से रणधीर सिंह दुहन को बर्खास्त किया गया है । पत्रकारों से बात करते हुए इस मामले में उन्होंने कि शासन की इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट की शरण में जाऊंगा और कानून की मदद लूंगा। उन्होंने कहा कि केवल राजनीति के चलते उनके खिलाफ ये कार्रवाई हुई है।
उधर उनकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। मीडिया से रोते-रोते कह रही थी मेरे पति ने ईमानदारी से नौकरी की है। आज मेरा परिवार सदमे में है और सहमा हुआ है। सरकार ने बिना इनका पक्ष जाने ये कार्रवाई की है, जो गलत है।