
मेरठ। मेरठ के एक युवक की कोरोना से दिल्ली में इलाज के दौरान तीन दिन पहले मौत हो गई। हैरत की बात ये है कि आज तक उसके घरवालों को इसकी खबर नहीं दी गई। मामले में शहर विधायक रफीक अंसारी ने मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
बता दें कि गुरुवार को जिले में कोरोना से दो मौत की खबर सामने आई थी। एक ब्रह्मपुरी निवासी देवेन्द्र और दूसरी अहमद नगर के इमरान की। अब मेरठ में कोरोना से 17 मरीजों की मौत हो चुकी है। देवेन्द्र ने कोरोना से गुरुवार की सुबह मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ा तो पता चला कि इमरान की मौत तो तीन दिन पहले ही दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी। लापरवाही का आलम ऐसा कि आजतक उसके घरवालों को उसकी मौत की जानकारी नहीं दी गई। इमरान के साथी मरीजों ने ही उसके घरवालों को उसकी मौत के बारे में बताया।
अहमदनगर के इमरान को 30 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उसे दिमाग में ट्यूमर था, जिसकी वजह से लगातार सिर में दर्द बना हुआ था। उसकी जांच हुई तो कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। इसी बीच उसकी हालत बिगड़ी तो उसे एक मई की रात्रि दिल्ली रेफर कर दिया गया। दिल्ली में उसे किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। आठ घंटे तक एंबुलेंस इमरान को लेकर दिल्ली की सड़कों पर घूमती रही, लेकिन किसी अस्पताल ने उसे भर्ती नहीं किया। इसके बाद परिजन मजबूरी में उसे वापस मेरठ ले आए थे। उन्होंने शहर विधायक रफीक अंसारी को पूरा मामला बताया तो विधायक ने मेरठ मेडिकल प्रिंसिपल और सीएमओ से नाराजगी जाहिर की। इसके बाद दोनों अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इमरान को दिल्ली के लोकनारायण अस्पताल में भर्ती किया गया। उसे भर्ती कर परिजन घर चले आए।
जहां बीते 9 मई तक उससे बात होती रही। 9 मई के बाद कोई फोन नहीं आया तो घरवालों ने इमरान के साथी मरीजों से बात की तो उन्होंने बताया कि उसकी मौत 10 मई को हो गई थी। यह सुनते ही घरवालों के पैरों से जमीन खिसक गई। उन्होंने पता किया तो मौत की खबर सही निकली। इस संबंध में घरवालों ने मेरठ में सीएमओ से पता किया तो उनका कहना था कि अगर मौत हुई होती तो उन्हें जानकारी जरूर मिलती। यह सुनकर घरवाले वापस आ गए। उन्होंने दोबारा अस्पताल में पता किया तो साथी मरीजों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है।
इसके बाद ही उसकी मौत की खबर सामने आई। बताया जाता है कि इमरान का शव अभी भी अस्पताल में ही रखा गया है जिसे परिजनों को नहीं सौंपा गया न ही कोई जानकारी दी गई। इस संबंध में शहर विधायक रफीक अंसारी ने स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। विधायक का कहना है कि मेडिकल में किसी कोरोना मरीज का सही इलाज नहीं हो रहा सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है। शहर विधायक ने बताया कि उन्होंने प्रमुख सचिव से भी इसकी शिकायत की थी। शव को दिल्ली से मेरठ लाने की अनुमति भी नहीं मिल रही है।
Published on:
14 May 2020 06:50 pm
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