
मेरठ. चाचा-भतीजी के बीच अवैध संबंधों का विरोध करना पिता को भारी पड़ गया। बेटी ने चाचा के साथ मिलकर अपने पिता का उस्तरे से गला रेतकर हत्या का डाली। इतना ही नहीं शव की पहचान छिपाने के लिए उस पर पेट्रोल डालकर जला भी दिया गया। इसके बाद चाचा-भतीजी दोनों फरार हो गए। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते घटना के डेढ़ साल बाद दोनों हत्यारोपियों को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है।
सीओ ब्रह्मपुरी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि परतापुर पुलिस ने डेढ़ साल पहले हुए सनसनीखेज आशीष हत्याकांड का खुलासा करते हुए उसकी बेटी और भाई को गिरफ्तार किया है। युवती के अपने चाचा से अवैध संबंध थे और इसका विरोध करने पर आशीष की हत्या की गई थी। युवती ने चाचा के साथ मिलकर अपने पिता की गर्दन उस्तरे से रेत डाली थी। उस्तरे और डंडे से शरीर पर दर्जनों वार करते हुए हत्या कर दी थी। बाद में पेट्रोल डालकर लाश को घर के पास ही जला दिया था और दोनों फरार हो गए थे। अब पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, परतापुर के रिठानी में किशनचंद के मकान में आशीष किराये पर रहता था। आशीष की पत्नी आदेश ने मुजफ्फरनगर में किसी अन्य से शादी कर ली थी। बेटी दीपा, आशीष के साथ रहती थी। दीपा के अपने चाचा अजय के साथ अवैध संबंध थे। इसको लेकर आशीष विरोध करता था। 28 दिसंबर 2018 को आशीष अचानक काम से घर लौटा तो दीपा और अजय को आपत्तिजनक हालत में देख लिया। इसके बाद हंगामा हुआ तो दीपा ने अजय के साथ मिलकर पिता का कत्ल कर दिया। उस्तरे से पिता की गर्दन रेत डाली और शरीर पर कई वार किए। जब आशीष की मौत हो गई तो लाश को बोरे में भरकर नहर में फेंकने की योजना बनाई। लाश भारी होने के कारण जब योजना सफल नहीं हुई तो चाचा-भतीजी ने लाश को वहीं मकान के पास प्लॉट में डाल दिया और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि आशीष के शरीर पर उस्तरे और डंडे से 38 से ज्यादा बार वार किया गया था। हत्या के बाद दीपा और अजय फरार हो गए थे। दोनों ने हरिद्वार में शादी कर ली थी और वहीं रहने लगे थे। पुलिस ने दोनों को अस्थाई जेल भेज दिया। कोरोना रिपोर्ट आने के बाद स्थाई जेल भेज दिए जाएंगे।
Published on:
07 Jun 2020 01:05 pm
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