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डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन बिगाड़ रहा मरीजों की हालत, गिरा रहा प्लेटलेट्स और बन रहा मौत का कारण

मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में प्रतिदिन 600 से 700 मरीजों की रक्त की जांच हो रही है। इनमें से 150 से 250 मरीज वायरल और डेंगू की जांच करा रहे हैं।

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मेरठ

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Nitish Pandey

Oct 01, 2021

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मेरठ. जिले में डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन मरीजों की हालत बिगाड़ रहा है। जिसके चलते मरीजों की प्लेटलेट्स तेजी से गिर रही है। जिसके चलते हालत तो गंभीर हो रही है साथ ही मरीजों को रक्तस्राव की परेशानी से भी जूझना पड़ रहा है। प्लेटलेट्स गिरने से मरीज की जान पर बन आ रही है। हालत यह है कि 24 घंटे के भीतर डेंगू के मरीजों की प्लेटलेट्स एक लाख तक गिर रही हैं। इससे मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। मेरठ के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की जांच में यह बात सामने आई है।

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डेंगू के डेन-2 का दिख रहा है असर

डेंगू वार्ड में दोनों अस्पताल में करीब 100 मरीज भर्ती हैं। हालांकि इससे पहले इतने ही मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। भर्ती मरीजों में डेंगू के डेन-2 का असर दिख रहा है। मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए करीब दो दर्जन मरीज ऐसे हैं जिनकी प्लेटलेट्स तेजी से गिरीं। 12 से 24 घंटे पहले की रिपोर्ट में उनकी 1.20 लाख से अधिक थी। मरीज के भर्ती होने वाले दिन ही खून की जांच लेकर दोबारा प्लेटलेट्स की जांच कराई तो इनमें 60 हजार तक पहुंच गई। इनमें से कई की तो 50 हजार से भी कम प्लेटलेट्स हो गई थी। जिसके कारण मरीजों के नाक-मुंह और पेट में रक्तस्राव भी हो रहा था। इनको प्लेटलेट्स भी चढ़ाई गईं। इनमें 80 फीसदी मरीज ग्रामीण क्षेत्र के रहे।

करीब 700 मरीजों की रोज हो रही है जांच

मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में प्रतिदिन 600 से 700 मरीजों की रक्त की जांच हो रही है। इनमें से 150 से 250 मरीज वायरल और डेंगू की जांच करा रहे हैं। इनमें से 40 फीसदी में 1.20 लाख से कम प्लेटलेट्स आ रही हैं। जबकि सामान्य तौर पर 1.50 से 4.50 लाख तक प्लेटलेट्स होनी चाहिए।

डबल म्यूटेशन से खतरनाक हुआ डेन-2 स्ट्रेन

मेरठ माइक्रो बायोलॉजी विभाग के डॉ. अमित गर्ग ने बताया कि विभाग में 10 आरटीपीसीआर मशीन तथा 4 आरएनए एक्सट्रेक्टर मशीन हैं। विभाग में सर्वाधिक 13500 टेस्ट एक दिन में किए हैं। डेंगू के डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 सीरोटाइप हैं। इनमें डेन-2 सबसे खतरनाक है, इसमें डेन-3 स्ट्रेन के म्यूटेशन की आंशका है, डबल म्यूटेशन से स्ट्रेन और खतरनाक हो गया है। इससे ही तंत्रिका तंत्र, बोनमेरो, हृदय, किडनी, लिवर समेत अन्य अंग प्रभावित हुए, रक्तस्राव भी अधिक हो रहा है।

BY: KP Tripathi

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