पंजाब के मोगा में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) का लड़ाकू विमान मिग-21 (Mig-21) हुआ क्रैश, मेरठ (Meerut) के रहने वाले फाइटर पायलट अभिनव चौधरी (Fighter Pilot Abhinav Chaudhary) हुए शहीद।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. पंजाब के मोगा में वायु सेना (Indian Air Force) का मिग-21 लड़ाकू विमान क्रैश होने से एक जांबाज फाइटर पायलट शहीद हो गया है। शहीद फाइटर पायलट अभिनव चौधरी मेरठ के रहने वाले थे। उनका परिवार मेरठ के गंगानगर में रहता है। जैसे ही उनके शहीद होने की जानकारी परिजनों को मिली तो घर में कोहराम मच गया। परिजनों को यकीन नहीं हो रहा है कि अब अभिनव उनके बीच नहीं है। वहीं, मेरठ के लोग भी गमजदा है। बता दें कि अभिनव की शादी 25 दिसंबर 2019 को ही हुई थी।
दरअसल, मूलरूप से बागपत (Baghpat)के बड़ौत-बुढ़ाना रोड स्थित पुसार गांव निवासी किसान सतेंद्र चौधरी सी-91 गंगासागर कॉलोनी में सपरिवार रहते हैं। उनका बेटा लेफ्टिनेंट अभिनव चौधरी वायु सेना में मिग-21 लड़ाकू विमान का फाइटर पायलट था। अभिनव पठानकोट एयरबेस में तैनात थे। अभिनव चौधरी ने आरआईएमसी देहरादून से कक्षा 12 उत्तीर्ण की थी। इसके बाद अभिनव का चयन एनडीए में हुआ था। पुणे में तीन साल के बाद हैदराबाद के एएफए में वायुसेना की ट्रेनिंग पूरी की थी। अभिनव की मां सत्य चौधरी गृहिणी हैं, जबकि एक छोटी बहन मुद्रिका चौधरी हैं। वहीं, अभिनव की शादी एक प्रधानाध्यापक की बेटी सोनिका उज्जवल से हुई थी। सोनिका उज्जवल ने फ्रांस में मास्टर ऑफ साइंस की पढ़ाई की थी।
एक रुपये में शादी कर दहेज लोभियों को दिया था करारा जवाब
बता दें कि अभिनव चौधरी के साथ ही उनके पिता सतेंद्र चौधरी भी दहेज के सख्त खिलाफ हैं। यही वजह है कि जब 25 दिसंबर को 2019 को अभिनव चौधरी की शादी हुई तो पिता सतेंद्र ने शादी की रस्म के तहत केवल एक रुपया स्वीकार किया था। सतेंद्र का कहना था कि शादी में दहेज की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। वायु सेना में फाइटर पायलट अभिनव चौधरी द्वारा मात्र 1 रुपये लेकर की गई शादी उस दौरान चर्चा का विषय बनी थी।
आवास पर लगा लोगों का तांता
जैसे ही मिग-21 लड़ाकू विमान के फाइटर पायलट अभिनव चौधरी के शहीद होने के खबर लोगों को मिली तो उनके आवास पर लोगों का तांता लग गया। बताया जा रहा है कि सभी रिश्तेदार पहुंच चुके हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जानकारी के अनुसार शहीद पायलट अभिनव चौधरी का पार्थिव शरीर देर शाम तक मेरठ पहुंच सकता है। इसके बाद पूरे हिंदू रीति-रिवाज और सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।