
मेरठ। बसपा की सुनीता वर्मा ने जब से मेरठ मेयर की सीट पर कब्जा किया तब से उनकी राजनैतिक मुसीबते रुकने का नाम नहीं ले रही। पहले उन्होंने वंदे मातरम के बारे में विवादास्पद बयान दिया और उनके पति पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने प्रदेश सरकार से दुश्मनी मोल ले ली। बीती दो अप्रैल को मेरठ में हुए उपद्रव के आरोप में योगेश वर्मा जेल में है। योगेश कोे छुड़वाने के लिए उनकी मेयर पत्नी सुनीता वर्मा ने कानून के साथ ही एससी-एसटी आयोग का सहारा लिया है।
एससी-एसटी आयाेग ने इन्हें किया तलब
मेरठ में हुई हिंसा को लेकर जेल में बंद बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी एवं मेयर सुनीता वर्मा की शिकायत पर प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी, गृहसचिव और मेरठ एसएसपी मंजिल सैनी को एससी-एसटी आयोग दिल्ली में 24 अप्रैल को तलब किया गया है।
योगेश को लात से मारने का वीडियो भी भेजा
सुनीता वर्मा ने योगेश को लात से मारने का वीडियो भी आयोग को भेजा है। सुनीता से उस सीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिसने योगेश को लात मारी थी। सुनीता वर्मा ने शिकायत में कहा है कि योगेश वर्मा पर 10 मुकदमें तो दर्ज किए ही, साथ ही सीओ जितेंद्र सरगम ने उनके साथ थाने में मारपीट की।
एससएसपी और डीएम ने तैयार की फाइल
एसएसपी मंजिल सैनी ने योगेश वर्मा के खिलाफ हिंसा कराने की 14 वीडियो सीडी, ऑडियो क्लिप, उसके नंबरों की सीडीआर आदि सबूतों की फाइल तैयार की है। पुलिस ने योगेश के पुराने मामलों की फाइल भी तैयार की है। जो आयोग के समक्ष पेश की जाएगी। एसएसपी का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सुबूत है। 24 अप्रैल को तलब किया गया है। आयोग में डीजीपी भी आ रहे हैं। योगेश के खिलाफ हमारे पास पर्याप्त सुबूत हैं।
मेयर ने ये लगाए आरोप
मेयर सुनीता वर्मा ने आयोग को भेजी अपनी शिकायत में कहा कि उनके पति पूर्व विधायक को भाजपा विधायकों ने साजिश के तहत फंसाया है। दो अप्रैल को हुई हिंसा में उनके पति की कोई गल्ती नहीं है, जबकि उनके पति पर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं। उनके पति योगेश वर्मा को हिंसा कराने के आरोप में गलत फंसाया गया है। आरोप लगाया है कि योगेश को थाने में रखकर थर्ड डिग्री दी गई है। उनके साथ पेशेवर अपराधी की तरह व्यवहार किया गया है। उन्होंने एसएसपी मंजिल सैनी पर योगेश के साथ मारपीट का आरोप लगाया गया है।
यह था पूरा मामला
एससीएसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में दो अप्रैल को मेरठ में हिंसा हुई थी। इसमें पुलिस ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा को हिंसा भड़काने का दोषी पाते हुए मुकदमें दर्ज किए थे। हिंसा के 100 मुकदमें दर्ज हुए थे। इसमें लगभग 765 लोग नामजद हुए। 8200 से अधिक अज्ञात दिखाए थे।
Published on:
25 Apr 2018 12:01 pm
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