
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य एक ऐसा ग्रह है। जिसकी पूजा करने मात्र से सभी ग्रहों की विपत्तियां समाप्त हो जाती है। अन्य रूष्ट ग्रह भी शांत होकर अपनी कृपा बरसाना शुरू कर देते हैं। सूर्य के विशेष महत्व के कारण ही इनको ग्रहों का राजा कहा जाता है। पंडित अनिल शास्त्री कहते हैं कि सूर्य सृष्टि के अंधकार को दूर कर उजाला फैलाते हैं। सूर्य स्वास्थ्य, राज्य, औषधि और खाद्य पदार्थों के कारक माने जाते हैं। जिनके कुंडली में सूर्य मजबूत होते हैं। उन्हें सभी समस्याओं से निजात मिल जाती है। जिनका सूर्य कमजोर होते हैं, उन्हें नियमित रूप से भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य (Surya Arghya) देना चाहिए। सूर्य को देखते हुए अर्घ्य देने से सूर्य के साथ 9 ग्रह भी मजबूत हो जाते हैं।
सूर्य को अर्घ्य देते समय रखें इन चीजों का विशेष ध्यान
- सूर्य को अर्घ्य देने से पहले जल में लाल चंदन, सिंदूर और लाल फूल के साथ मिश्रित करें।
- अर्घ्य देते समय सूर्य की किरणों पर भी ध्यान देना चाहिए कि किरणें हल्की हो न कि बहुत तेज।
- अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र ‘ओम सूर्याय नमः’ का 11 बार जप करना चाहिए। इसके बाद सूर्य की ओर मुंह करते हुए तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए।
- सूर्य को अर्घ्य देने के लिए केवल तांबे के बर्तन या ग्लास का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इस दौरान गायत्री मंत्र का भी जाप करना भी शुभ माना जाता है।
- सूर्य पूर्व दिशा में निकलता है इसलिए अर्घ्य भी उसी दिशा में अर्पित करना फलदायी है।
Published on:
13 Jun 2021 10:39 am
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