7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

होली से पहले इस काम को रोकने के लिए रेड लाइट एरिया पहुंचे अधिकारी, प्रतिबंधित सामान बरामद

मेरठ की वन विभाग की टीम ने कबाड़ी बाजार में छापा मारकर प्रतिबंधित पशुओं के अंग बरामद किए हैं

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

sharad asthana

Feb 28, 2018

Meerut

मेरठ। होली से ठीक पहले पश्चिम उत्तर प्रदेश में तंत्र-मंत्र के खेल ने जोर पकड़ लिया है। तिलिस्म और जादू-टोने की इस दुनिया में उन जानवरों के अंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जो प्रतिबंधित है। मेरठ की वन विभाग की टीम ने मंगलवार को शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र कबाड़ी बाजार में छापा मारकर प्रतिबंधित पशुओं के अंग बरामद किए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन अंगों की कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है। कबाड़ी बाजार मेरठ का रेड लाइट एरिया कहलाता है, जहां एक दुकान से यह सामान बरामद हुआ है।

मिसाल- उत्‍तर प्रदेश के इस गांव में मुसलमान खेलते हैं होली और गाते हैं चौपाई

लाखों रुपये खर्च करते हैं तंत्र-मंत्र कराने के लिए

सुख-समृद्धि की लालसा, दुश्मन के अंत या फिर व्यापार में वृद्धि को लेकर कुछ लोग तंत्र क्रिया कराने में विश्वास रखते हैं। इन लोगों का तांत्रिक भी फायदा उठाते हैं। तंत्र-मंत्र क्रिया कराने के लिए लोग लाखों रुपए खर्च करते हैं और होली व दिवाली जैसे त्योहारों का इंतजार करते हैं। माना जाता है कि छोटी होली वाले दिन तंत्र क्रियाएं सबसे ज्यादा की जाती हैं। ऐसे मौकों पर तांत्रिक भी अपनी फीस बढ़ा देते हैं। अपने ग्राहकों को बहला-फुसलाकर वे उनसे लाखों की रकम ठगते हैं। खास बात यह है कि इन तांत्रिक क्रियाओं में शेर का नाखून, जंगली बिल्ली का गर्भाशय, छिपकली की हड्डिया, हिरण की कस्तूरी जैसे बेशकीमती अंगों का इस्तेमाल किया जाता है।

Holi 2018: केमिकल रंगों से बचें, इस तरह घर पर ही तैयार करें रंग

कबाड़ी बाजार क्षेत्र में मारा छापा

इन अंगों के लिए तंत्र-मंत्र क्रिया कराने वाले लाखों रुपए खर्च करते हैं। मेरठ की वन विभाग की टीम ने मंगलवार को थाना दिल्ली गेट क्षेत्र के कबाड़ी बाजार में छापा मारा। डीएफओ मेरठ अदिति शर्मा का कहना है कि वहां से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी निशानदेही पर भारी मात्रा में अलग-अलग पशुओं के अंग बरामद किए गए हैं। फिलहाल वन विभाग टीम ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। वन विभाग इस खेल में जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में भी जुटा है।

इस बार 28 साल बाद होली में शनि का दुर्लभ योग बन रहा है