
बागपत। पूरे उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के एक मात्र विधायक सहेंद्र रमाला ने चौधरी अजीत सिंह द्वारा खुद को पार्टी से निष्कासित करने के बाद जमकर भड़ास निकाली। साथ ही छपरौली विधायक सहेंद्र ने छोटे चौधरी पर गंभीर आरोप भी लगाये।
दरअसल राज्यसभा चुनाव में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह के सपा के पक्ष में मतदान करने के निर्देश के बावजूद रालोद विधायक सहेंद्र ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया था। इससे नाराज होकर चौधरी अजीत सिंह ने उन्हें रालोद से निष्कासित कर दिया था। रविवार को विधायक सहेन्द्र रमाला ने प्रेसवार्ता कर चौधरी अजीत सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि चौधरी अजीत सिंह ने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए मुझे राजनीतिक मोहरा बनाया।
उन्होंने बसपा को खुश करने और बसपा के सहयोग से कैराना उपचुनाव लड़ने के लिए मुझे बली का बकरा बनाया है। यह सब अजीत सिंह ने मायावती को खुश करने के लिए ही किया है। चौधरी अजीत सिंह ने संविधान और लोकतंत्र की हत्या की है। बाताया कि उन्होंने रमाला शुगर मिल के विस्तारीकरण कार्यक्रम में भी मुझे जाने से रोका था। अजीत सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में भी मेरे जाने पर रोक लगा दी थी। जबकि भाजपा से गठबंधन कराने और भाजपाईयों से तालमेल बैठाने के लिए मुझे मीडिएटर बनाया गया, लेकिन बात नहीं बनी।
सहेंद्र रमाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हमला बोलते हुए कहा कि राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग का अरोप गलत है। उनसे बात किये बिना ही अजीत सिंह ने यह फैसला लिया है। जो ठीक नहीं है। अजीत सिंह यह भूल गये हैं कि सहेंद्र सिंह ही वह एक मात्र विधायक है, जिसने बागपत में ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में पार्टी की जान बचाई है। नहीं तो पार्टी का सूपड़ा ही साफ हो जाता।
आपको बता दें कि सहेंद्र सिंह रमाला बागपत की छपरौली विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह 17वीं विधानसभा में राष्ट्रीय लोकदल के एकमात्र विधायक हैं। उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने शनिवार को रालोद से निष्कासित कर दिया था।
Updated on:
25 Mar 2018 09:55 pm
Published on:
25 Mar 2018 09:47 pm
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