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मेरठ. पश्चिम उत्तर प्रदेश के दिग्गज भाजपाइयों ने मंत्री पद के लिए दौड़ तेज कर दी है। संघ के पदाधिकारियों से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक अपने संपर्कों को भुनाने में विधायक और पुराने कार्यकर्ता जुट गए हैं। इसका कारण मंत्री परिषद के पुर्नगठन की सुगगुगाहट माना जा रहा है। बता दें कि हाल ही में प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों की कोरोना के चलते मृत्यु हो चुकी है। वहीं प्रदेश में बहुत सारे निगमों और आयोग के पद भी खाली पड़े हुए हैं।
विधानसभा चुनाव होने में करीब डेढ़ साल बाकी है। चुनाव की हलचल धीरे-धीरे तेज हो रही है। हालांकि कोविड-19 के कारण मंत्री परिषद के पुर्नगठन में कुछ समय लग सकता है, लेकिन सूत्रों की मानें तो स्थिति थोड़ी सामान्य होते ही मंत्री परिषद का पुनर्गठन तय है। इसके लिए अभी से तैयारियां तेज हो चुकी हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से मंत्रिपरिषद में 60 सदस्य हो सकते हैं। अभी तक 56 सदस्यीय मंत्री परिषद थी। हाल ही में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण व होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान की कोरोना से मृत्यु के बाद यह संख्या 54 रह गई है। मंत्रिपरिषद में छह स्थान रिक्त हैं।
ये दिग्गज मंत्री परिषद में जगह पाने की दौड़ में
पश्चिम उत्तर प्रदेश दिग्गज विधायकों किठौर के विधायक सत्यवीर त्यागी, सरधना से विधायक संगीत सोम, मेरठ दक्षिण से सोमेंद्र तोमर के अलावा गाजियाबाद लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर के अलावा मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के भी विधायकों ने मंत्री पद पाने के लिए दौड़ शुरू कर दी है।
आयोग और निगमों के पद भी खाली
प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक आयोग सहित अन्य कुछ संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त हैं। बीज विकास निगम सहित कुछ निगमों व बोर्डों में भी पद खाली हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष फागू चौहान बिहार के राज्यपाल बनाए जा चुके हैं। उनके राज्यपाल बनने के बाद से पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त है। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आयोग सहित कुछ अन्य संस्थाओं में उपाध्यक्षों व सदस्यों का कार्यकाल भी पूरा होने वाला है।
Published on:
21 Aug 2020 11:47 am
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