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सांप के साथ सपेरे के इस वादे का रहस्य जान हो जाएंगे हैरान

सांप और सपेरों की दुनियां भी बड़ी अजीब होती हैं। इन दोनों के बीच सिर्फ वचन का बंधन होता है। ऐसा बताया जाता है। सपेरों का मानना है कि सांप के साथ किया वादा अगर तय समय में न पूरा किया जाए तो इससे खुद की जान पर तो बन ही आती है साथ ही परिवार को भी बहुत नुकसान उठाना पड़ता है।

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मेरठ

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Nitish Pandey

Oct 18, 2021

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नोएडा. सांप जिसको देखने मात्र से आम आदमी दहशत में आ जाता है। लेकिन उसी सांप के साथ सपेरे और उनको परिवार के छोटे-छोटे बच्चे ऐसे खेलते हैं जैसे कि कोई खिलौना हो। सांप और सपेरों की ये दुनिया बड़ी अजीब होती है।

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उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कई गांव ऐसे हैं जहां पर सपेरों का परिवार निवास करता है। ये सपेरे मेरठ के अलावा पूरे एनसीआर में सांप को पकड़ते हैं। आज सांपों के पकड़ने और उनके खेल दिखाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन सरकार की ओर से सपेरों के रोजगार का कोई इंतजाम नहीं किया गया। सपेरों के बच्चे और युवक इन्हीं सांपों के सहारे अपने परिवार का पेट पालते हैं। इसके लिए ये सपेरे, सांप को टोकरी में रखकर मोहल्लों में घूमते हुए घर-घर रूपये मांगकर अपना गुजारा चलाते हैं।

हाथ में विशेष लेप लगाकर पकड़ते हैं सांप

सपेरा सचिन नाथ का कहना है कि कोई भी जहरीला सांप हो उसको पकड़ने से पहले वे लोग हाथ में एक विशेष प्रकार का लेप लगाते हैं। इस लेप को लगाने से सांप के हाथ लगाते ही वो सुस्त पड़ जाता है। जिसके बाद सांप को जड़ी बूटी लगाई जाती है। सचिन का कहना है कि वे लोग बिल देखकर ये पता लगा लेते हैं कि इस बिल में किस प्रकार का और कितना जहरीला सांप है। उसने बताया कि आज सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिलने से वे लोग स्कूल में पढ़ाई नहीं कर सकते इसलिए सांप को पकड़कर उसको दिखाकर ही अपना और परिवार का गुजारा करते हैं।

वचन देकर पकड़ते हैं और तय समय पर छोड़ना

सचिन ने बताया कि सांप को पकड़ने के बाद वे उसको वचन देते हैं। जिसमें सांप को छोड़ने का समय तय किया जाता है। सचिन ने बताया कि सांप को पकड़ने के बाद उससे वादा करना होता है कि वे उसको एक महीने बाद छोड़ देगें या फिर एक साल बाद। उन्होंने बताया कि उस तय समय पर सांप को छोड़ना जरूरी हो जाता है।

वचन नहीं होता पूरा तो घर में सांप मचा देता है उत्पात

सचिन ने बताया कि अगर सांप को उसके तय समय पर नहीं छोड़ा गया तो वह बहुत नुकसान पहुंचाता है। घर में किसी को भी काट सकता है। इतना ही नहीं पूरे घर में उत्पात मचा देता है। अगर एक सांप से किया हुआ वचन नहीं पूरा होता तो दूसरा सांप कभी पकड़ में नहीं आता।

सचिन का कहना है कि सांप और सपेरों का संबंध भावनात्मक होने के साथ ही भरोसे का भी होता है। सांप को भरोसा दिलाकर ही पकड़ा जाता है कि उसको तय समय पर छोड़ दिया जाएगा। उसने बताया कि किसी सांप को एक महीने के लिए तो किसी को एक साल के लिए बचन देकर पकड़ा जाता है। इस दौरान उसके खाने का भी पूरा इंतजाम किया जाता है।

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