
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. मऊ के हिस्ट्रीशीटर और ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के तार अब पश्चिम यूपी से जुड़ते नजर आ रहे हैं। अजीत की हत्या के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो शूटरों का इंतजाम आजमगढ़ जेल में ही बंद मेरठ के शातिर अपराधी कुख्यात उधम सिंह ने कराया थ। इन शूटरों में राजेश तोमर व मुस्तफा उर्फ बंटी शामिल हैं। इतना ही नहीं करीब एक साल से रची जा रही इस साजिश में जो भी खर्चा आया वह सारा खर्च एक ब्लॉक प्रमुख ने उठाया था। इस ब्लॉक प्रमुख को कुंटू व अखण्ड ने जेल से ही रकम का इंतजाम करने को कहा था। यह खुलासा रिमाण्ड अवधि के दूसरे दिन ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू और अखण्ड ने पुलिस अफसरों के सामने पूछताछ में किया है।
एक साल थी शार्प शूटरों की तलाश
सूत्रों की मानें तो आजमगढ़ जेल में बंद मेरठ के शातिर अपराधी उधम सिंह ने दो शूटर दिए थे। अजीत की हत्या की साजिश वह लोग एक साल से रच रहे थे, लेकिन अच्छे शूटर नहीं मिल रहे थे। पहले यह तय हुआ था कि दो शूटर ही मौके पर रहेंगे, लेकिन अजीत अधिकतर बुलेट प्रूफ गाड़ी से चलता था और हमेशा असलहों से लैस रहता था। इस वजह से शातिर शूटरों को तलाशा जा रहा था। इसके लिए मेरठ के शातिर अपराधी से संपर्क किया गया, जिसने दो शूटरों की व्यवस्था करा दी तो तय हुआ कि जनवरी में अजीत की हत्या कर दी जाएगी।
रुपयों का बंदोबस्त एक ब्लॉक प्रमुख ने किया
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अखण्ड ने कुबूला कि 11 महीने तक आरोपियों के लखनऊ में रुकने के लिए तीन फ्लैट का किराया, गाड़ियों का इंतजाम और असलहों के लिये रुपयों की व्यवस्था पूर्वांचल के एक ब्लॉक प्रमुख ने की थी। इस ब्लॉक प्रमुख के लोग ही लखनऊ में शूटरों को लाखों रुपये दे गए।
बजरंगी के हत्यारोपी के साथियों पर नजर
दावा किया जा रहा है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी के गिरोह के दो लोग भी पुलिस की रडार पर हैं। इन दोनों के मेरठ के शातिर से भी सम्पर्क बताये जा रहे हैं। इनके बारे में हालांकि पूछताछ में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। इस हत्याकाण्ड में कुछ और खुलासे शूटर रवि यादव, घायल राजेश तोमर, मुस्तफा और अंकुर के पकड़े जाने पर होने की बात कही जा रही है। वहीं अब एसटीएफ की निगाहे कातिल शूटरों की तलाश में मेरठ और वेस्ट के अन्य ठिकानों की तरफ घूम गई है।
Published on:
01 Feb 2021 11:05 am
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