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दिवाली पर यहां जलता है सिर्फ 1 दिया; पूरे गांव में सिर्फ अंधेरा; आखिर क्यों क्षत्रिय परिवार ऐसा करता है?

Diwali 2025: दीपावली पर जहां पूरा देश खुशियां मनता है, वहीं कुछ क्षत्रिय परिवार के लोग शोक मनाते हैं। पूरे गांव में सिर्फ 1 ही दिया जलाया जाता है और उसे भी कुछ देर बाद बुझा दिया जाता है।

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दिवाली पर यहां जलता है सिर्फ 1 दिया। फोटो सोर्स-Ai

Diwali 2025: देश में कल यानी 20 अक्टूबर (सोमवार) को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। जब पूरे देश में दिवाली की जगमगाहट होगी, उस समय उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में सन्नाटा पसरा होगा।

मिर्जापुर के कुछ गांवों में दिवाली पर नहीं जलते दिये

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कुछ गांवों में दिवाली के समय सन्नाटा पसरा होता है। दिवाली पर इन गांवों में ना रंगोली बनाई जाती है, ना दिये जलते हैं और ना ही कोई उत्सव होता है। गांव के लोग इस दिन दीवाली नहीं, बल्कि शोक मनाते हैं।

चौहान वंश के क्षत्रिय परिवार नहीं मनाते जश्न

मिर्जापुर के राजगढ़ क्षेत्र के भांवा, अटारी और आसपास के कई गांवों में रहने वाले चौहान वंश के क्षत्रिय परिवार दिवाली के दिन कोई जश्न नहीं मनाते हैं। ये लोग मानते हैं कि इसी दिन मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान की हत्या की थी। गांव के लोग पृथ्वीराज चौहान को अपने पूर्वज और महान योद्धा मानते हैं। इसी वजह से इस दिन को खुशियों नहीं मनाई जाती है।

सदियों से चली आ रही परंपरा

दिवाली की रात इन गांवों में घर अंधेरे में रहते हैं। इस दिन कोई लाइट, तेल का दीया नहीं जलाया जाता। हालांकि, पूजा-पाठ जरूर होती है। कुछ लोग सिर्फ 1 दीया जलाकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। कुछ देर बाद उस दीये को बुझा दिया जाता है और परिवार के लोग चुपचाप दिन गुजारते हैं। यह परंपरा इन गांवों में सदियों से चली आ रही है।

ये लोग दिवाली की खुशियां त्योहार के 4-5 दिन बाद एकादशी के दिन मनाते हैं। उस दिन इनके गांवों के घरों में दीये जलते हैं, मिठाइयां बनाई जाती है। इन गांवों को बाकियों से बिल्कुल अलग इस अलग-सी परंपरा ने बना दिया है।