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फिर से स्कूल खुलने पर 25 से ज्यादा शिक्षक पाए गए कोरोना पॉजिटिव, अभिभावक परेशान

locationनई दिल्लीPublished: Jan 05, 2021 09:52:36 pm

कर्नाटक में स्कूलों को फिर से खोलने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए गए शिक्षक।
स्कूल बंद कर सैनेटाइजेशन और छात्रों का भी कोरोना परीक्षण करवाया जा रहा है।
अभिभावकों में बढ़ गई छात्रों के भविष्य की चिंता, कहा- सरकार क्यों जल्दबाजी कर रही।

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नई दिल्ली। कर्नाटक में स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के पांच दिन बाद कई शिक्षकों की कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिससे माता-पिता और छात्रों में डर पैदा हो गया है। अकेले बेलगावी जिले में 18 शिक्षकों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। सरकार ने आदेश दिया था कि सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को शैक्षिक संस्थानों को फिर से खोलने से पहले कोविड-19 टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा।
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इस तरह के हजारों परीक्षणों के नतीजे सामने आने लगे हैं, जिनमें कई शिक्षकों द्वारा स्वयं को कोविड-19 पॉजिटिव पाया जा रहा है। बेलगावी के डीसी एमजी हिरमथ ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया कि चिक्कोडी के चार और बेलगावी के 18 शिक्षकों का कोरोना वायरस परीक्षण पॉजिटिव आया है।
उन्होंने कहा, ‘हमने सभी सावधानियां बरतते हुए सरकार की विद्यागामा योजना के तहत शिक्षण संस्थानों को फिर से शुरू किया। उदाहरण के लिए कदोली में एक स्कूल में चार शिक्षकों को पॉजिटिव पाया गया है। हमने स्कूल को सील कर दिया है और इसे पूरी तरह सैनेटाइज किए जाने पर एक हफ्ते बाद फिर से खोल दिया जाएगा।”
प्रतीकात्मक तस्वीर
कोप्पल में भी इसी तरह के एक मामले में दो शिक्षकों को पॉजिटिव पाया गया है और अब 23 छात्र कोविड-19 के परीक्षण से गुजरने के लिए तैयार हैं। शिक्षा विभाग कह रहा है कि उनके पास कोरोना पॉजिटिव पाए गए शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की पुख्ता संख्या नहीं है।
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चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा, “अकेले 10वीं कक्षा में लगभग 10 लाख छात्र हैं। यह स्वाभाविक है कि सावधानियों के बावजूद कर्मचारियों के बीच कुछ लोगों को पॉजिटिव पाया गया है। हम उनका परीक्षण कर रहे हैं, उन्हें आइसोलेट कर रहे हैं और उनका इलाज कर रहे हैं। चूंकि इसमें लाखों छात्रों का भविष्य शामिल है, मैं अपील करता हूं कि हमें घबराहट नहीं फैलानी चाहिए क्योंकि धीरे-धीरे सामान्य हालात बहाल हो रहे हैं।”
हालांकि, कई अभिभावकों ने स्कूलों और कॉलेजों के फिर से खोलने पर आशंका व्यक्त की है। एक अभिभावक ने कहा, “कोई भी इस बात से इनकार नहीं करेगा कि शिक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारे बच्चों के जीवन की कीमत पर नहीं। मुझे नहीं पता कि सरकार स्कूल चलाने पर क्यों अड़ी हुई है। जब टीक आने वाला है तो हम सिर्फ कुछ हफ्तों या महीनों के लिए इन्हें खोलना टाल नहीं सकते?”
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हालांकि मंत्री डॉ. सुधाकर ने कहा कि बिल्कुल भी परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है और पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या काफी कम है।

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उन्होंने कहा, “मुझे सटीक डेटा मिल रहा है कि कितने संक्रमित हुए हैं (वायरस के कारण), इस बीच मैं मीडिया से अपील करता हूं कि हम छात्रों और अभिभावकों के बीच अनावश्यक रूप से परेशानी ना फैलाने दें।”
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