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एंटीबॉडी कॉकटेल लेने वाले 40 मरीजों पर दिखा असर, 24 घंटे में कोरोना के लक्षण ठीक होने का दावा

हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने दावा किया है कि कोविड रोगियों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की सिंगल डोज वाली दवा कॉकटेल दी गई है। यह दवा लेने के बाद 24 घंटों में मरीज के अंदर ही कोरोना के लक्षण गायब हो गए।

Jun 13, 2021 / 09:06 am

Shaitan Prajapat

cocktail antibodies

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नई दिल्‍ली। महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर धीरे धीरे थीमी पड़ रही है। पहले की तुलना में देश के कई राज्यों में कोविड संक्रमितों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है। हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने दावा किया है कि कोविड रोगियों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की सिंगल डोज वाली दवा कॉकटेल दी गई है। यह दवा लेने के बाद 24 घंटों में सभी कोविड मरीज के अंदर ही कोरोना के लक्षण गायब हो गए।


24 घंटों में कोविड लक्षण ठीक
हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी का कहना है कि 40 से ज्यादा कोरोना मरीजों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की सिंगल डोज वाली दवा कॉकटेल दी गई है। अस्पताल के अध्यक्ष डॉ नागेश्वर रेड्डी ने कहा कि 24 घंटों में वे सभी कोविड मरीज बुखार, अस्वस्थता आदि जैसे नैदानिक लक्षणों से ठीक हो गए। डॉ रेड्डी ने कहा कि यह बहुत अच्छा प्रयोग है। अगर मरीज में कोरोना के शुरुआती लक्षण नजर आए तो यह दवा बहुत ही कामगार साबित हो रही है।

 

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RT-PCR टेस्ट में 100 प्रतिशत वायरस गायब
डॉ रेड्डी का कहना है कि अमेरिका के अध्ययनों से खुलासा हुआ है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की एक डोज वाली दवा कोविड के ब्रिटिश संस्करण, ब्राजीलियाई और दक्षिण अफ्रीकी संस्करणों के खिलाफ भी प्रभावशाली है। उन्होंने कहा किसी ने भी हमारे देश में मौजूद डेल्टा वेरियेंट के खिलाफ इस दवा का परीक्षण नहीं किया है। फिलहाल इस दवा और वायरस पर इसके असर की परीक्षण कर रहे हैं। डॉ रेड्डी ने आगे बतया कि इस दवा का परिणाम हमारे पास 40 रोगियों में हैं। सबसे खास बात दवा देने के एक सप्ताह बाद RT-PCR टेस्ट में लगभग 100 प्रतिशत मामलों में वायरस गायब हो गया है।

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डोनाल्ड ट्रम्प पर किया गया था थेरेपी का इस्तेमाल
आपको बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले साल कोविड पॉजिटिव हो गए थे। उन्‍हें मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडी ड्रग थैरेपी दी गई थी। इसके बाद ही इस थैरेपी के बारे में सबको पता चला था। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी के जरिये कोरोना वायरस के हल्‍के लक्षण वाले मरीजों में महामारी की गंभीरता को कम किया जाता है।

भारत में कीमत 70,000 डॉलर
कोविड पॉजिटिव मरीजों को तीन से सात दिनों के अंदर एंटीबॉडी का सिंगल डोज कॉकटेल दिया जाता है। कासिरिविमैब और इमदेविमाब दो दवाएं हैं, जो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी के लिए ड्रग कॉकटेल में जाती हैं। जिसकी कीमत भारत में करीब 70,000 या 1000 अमेरिकी डॉलर है, जबकि अमेरिका में लागत लगभग 20,000 डॉलर है। बावजूद इतना कीमती होने के बाद भी इसकी मांग बढ़ रही है। लेकिन डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इसका अधिक उपयोग नहीं किया जा सकता है।

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