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Covishield के आपातकालीन उपयोग को मिली मंजूरी, DCGI की अनुमति का इंतजार

कोरोना वैक्सीन 'कोविशिल्ड' के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण को मंजूरी अभी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से मंजूरी मिलना बाकी

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नई दिल्ली। भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की 10 सदस्यीय विषय विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोविशिल्ड' के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण को मंजूरी दे दी। हालांकि अभी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से मंजूरी मिलना बाकी है।विशेषज्ञ पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर से 'कोविशिल्ड' और भारत बायोटेक द्वारा 'कोवैक्सीन' के लिए मांगे गए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण पर निर्णय लेने के लिए एक बैठक बुलाई थी। एक बार जब समिति की ओर से वैक्सीन के लिए रास्ता साफ हो गया, तब अंतिम अनुमोदन के लिए आवेदन भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) वी. जी. सोमानी को भेज दिया गया है।

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कोवैक्सीन पर निर्णय का अभी भी इंतजार

यह अनुमोदन भारत में वैक्सीन के रोलआउट के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा, जिसमें अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण के मामले हैं। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, रोलआउट छह जनवरी से शुरू होगा। ब्रिटेन और अर्जेटीना पहले ही कोविशिल्ड को मंजूरी दे चुके हैं। वैक्सीन की पांच करोड़ से अधिक खुराक पहले ही इसके निमार्ता, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा भंडारित की जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पर निर्णय का अभी भी इंतजार किया जा रहा है।

फाइजर ने डेटा पेश करने के लिए और समय मांगा

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने क्लिनिकल परीक्षण और 'कोविशिल्ड' के निर्माण के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ भागीदारी की है, जबकि भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर 'कोवैक्सीन' बनाई है। अमेरिका की फाइजर पहली वैक्सीन थी, जिसने चार दिसंबर को त्वरित अनुमोदन के लिए आवेदन किया था। इसके बाद क्रमश: छह और सात दिसंबर को सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने आवेदन किया था। फाइजर ने हालांकि अभी डेटा पेश करने के लिए और समय मांगा है।

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डीसीजीआई ने उम्मीद जताई कि नववर्ष बहुत शुभ होगा

डीसीजीआई ने गुरुवार को इस बात का संकेत दिया था कि भारत में नए साल में कोविड-19 वैक्सीन आ सकती है। डीसीजीआई ने उम्मीद जताई कि नववर्ष बहुत शुभ होगा, जिसमें हमारे हाथ में कुछ होगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के विशेषज्ञों की समिति ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की गुजारिश और 'कोवैक्सीन' के आपात इस्तेमाल को अनुमति देने के भारत बायोटेक के आग्रह पर विचार करने के लिए बुधवार को बैठक की थी।

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50 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वी. जी. सोमानी के मुताबिक, महामारी के मद्देनजर आवेदकों को अनुमति प्रदान करने की पक्रिया तेजी से चल रही है और साथ ही पूरे डाटा की प्रतीक्षा किए बिना ही पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों को अनुमति दी गई है। केंद्र सरकार ने ड्राइव के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना बनाई है। वैक्सीन सबसे पहले एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ ही दो करोड़ फ्रंटलाइन और आवश्यक वर्कर्स और 27 करोड़ बुजुर्गों को दी जीएगी। वैक्सीन के लिए पहले से बीमारियों का सामना कर रहे 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।