
नई दिल्ली। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद ( Assam Mizoram Border Dispute ) के अचानक बढ़ने से असम पुलिस के कम से कम छह जवानों की मौत हो गई, साथ ही एक पुलिस अधीक्षक समेत 50 अन्य घायल हो गए। दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की।
इस मामले को लेकर असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के बीच कहासुनी भी हुई है। दोनों मुख्यमंत्रियों एक दूसरे पर हिंसा के आरोप लगाए। विवाद बढ़ता देख केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दखल देना पड़ा। उन्होंने दोनों ही राज्यों असम के सीएम हिमंता सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के साथ ही समाधान खोजने का आग्रह किया।
हिंसा को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने देर रात एक प्रेस नोट जारी किया। इसमें उन्होंने घटना के बारे में असम सरकार का पक्ष रखा है।
असम सीएम हिमंता विस्वा सरमा ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि असम के पुलिसकर्मियों की मौत का मिजोरम के उपद्रवियों और जवानों ने जश्न मनाया।
असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडीए मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। एक क्षेत्रीय विवाद के बाद, इस साल अगस्त 2020 और फरवरी में अंतर-राज्यीय सीमा पर झड़पें हुईं।
वहीं असम के सीएम ने ट्विटर पर घोषणा की, कछार जिले में अंतर-राज्यीय सीमा पर मिजोरम की ओर से ''उपद्रवियों'' द्वारा की गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह जवान मारे गए।
उन्होंने कहा- 'मुझे यह सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए असम पुलिस के छह बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।'
मिजोरम सीएम ने बताया जवाबी कार्रवाई
दूसरी ओर मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने भी एक बयान में कहा कि, असम के 200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने CRFP की चौकी पार कर आगजनी, हमले और निहत्थे लोगों पर गोलीबारी की। मिजोरम पुलिस ने इसी हमले पर जवाबी कार्रवाई की है।
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अमित शाह ने की मुख्यमंत्रियों से की बात
विवाद और हिंसा बढ़ते देख केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों को मुख्यमंत्रियों से बात की। शाह ने कहा कि दोनों ही सीएम सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करें।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान शाह ने उनसे अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा। दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री को आश्वासन भी दिया।
इसके तुरंत बाद, मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने अपने बयान में कहा कि शाह के हस्तक्षेप के बाद, असम पुलिस उस जगह से हट गई है और ड्यूटी पोस्ट सीआरपीएफ कर्मियों को वापस सौंप दी गई है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस ने कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि एक ओर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर पर खुलेआम बहस कर रहे थे, दूसरी ओर तनाव बढ़ रहा था।
कांग्रेस ने ये भी पूछा कि रविवार को अमित शाह ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के सीएम और मुख्य सचिवों के साथ बैठक की अध्यक्षता की थी। उनके बीच क्या हुआ?
इसलिए है विवाद
मिजोरम की सीमा असम के कछार और हाइलाकांडी जिलों से लगती है। पहाड़ी इलाकों में कृषि के लिए जमीन बहुत कम है, इसलिए यहां आए दिन झड़प होती रहती है। जमीन के छोटे से टुकड़ों की भी काफी अहमियत है।
हाल में विवाद तब गंभीर हुआ जब असम की पुलिस ने अपना इलाका खाली कराने के लिए कुछ लोगों को खदेड़ा। असम पुलिस ने कहा कि ये लोग अतिक्रमणकारी थे, जिन लोगों को खदेड़ा गया वो मिजोरम के थे। बस वहीं से विवाद बढ़ गया।
Published on:
27 Jul 2021 08:08 am
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