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बिहार : Non RJD दलों की बैठक के बाद महागठबंधन में सियासी रार के आसार, शाह की वर्चुअल रैली आज

locationनई दिल्लीPublished: Jun 07, 2020 01:36:47 pm

दोनों गठबधन में शामिल दल अपने नफा-नुकसान को लेकर मोल-भाव कर रहे हैं।
गैर आरजेडी महागठबंधन के नेताओं ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के आवास पर बैठक की।
अमित शाह की वर्चुअल रैली और आरजेडी का थाली बजाओ कार्यक्रम आज।

Grand Alliance

अमित शाह की वर्चुअल रैली और आरजेडी का थाली बजाओ कार्यक्रम आज।

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 ( Bihar Assembly Election 2020 ) की आहट के साथ ही बिहार में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। अब दोनों प्रमुख गठबधनों में शामिल सियासी दल अपने नफा-नुकसान को लेकर मोल-भाव करने लगे हैं। इस बीच विपक्षी दलों के महागठबंधन ( Opposition Grand alliance ) में शामिल तीन दलों ने आरजेडी ( RJD ) के खिलाफ मोर्चा खोलने का संकेत दिया है। तीनों दलों के नेताओं ने आरजेडी की एकला चलो नीति के खिलाफ आपस में मुलाकात की और बिहार में महागठबंधन की रणीतिक पहलुओं को लेकर चर्चा की।
दूसरी तरफ बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ( Amit Shah ) वर्चुअल रैली ( Virtual Rally ) के जरिए विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। शाह की इस रैली के खिलाफ आज बिहार में आरजेडी ने थाली बजाओ ( Thali Bajao ) कार्यक्रम में प्रदेशवासियों से शामिल होने की अपील की है।
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जानकारी के मुताबिक आरजेडी के रुख से नाराज तीन दलों के नेताओं की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के आवास पर देर रात तक चली। इस बैठक में राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ( RLSP Chief Upendra Kushwaha ) और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ( VIP Mukesh Sahni ) शामिल रहे।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ( HAM ) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने नेताओं की मुलाकात और बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी रात को पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पहुंचे थे और काफी देर तक इन नेताओं के बीच बातचीत हुई।
इस बैठक में महागठबंधन में सीट बंटवारे तथा महागठबंधन में समन्वय समिति के गठन को लेकर चर्चा की गई। सूत्रों का दावा है कि ये नेता अलग मोर्चा बनाने पर भी विचार कर रहे है। इन तीनों पार्टियों के किसी नेता ने भी बैठक का ब्योरा देने से इंकार किया है।
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बता दें कि इससे पहले भी तीनों दलों के नेता एक बैठक कर चुके हैं, जिसमें कांग्रेस और आरजेडी को निमंत्रित नहीं किया गया था। आरजेडी और कांग्रेस की गैरहाजरी में हुई इस बैठक को कई लोग कांग्रेस और आरजेडी जैसे बड़े दलों पर दबाव बनाने की भी कोशिश बता रहे हैं।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ( HAM Leader Jeetan Ram Manjhi ) ने बताया कि आरजेडी के एकला चलो से विपक्षी महागठबंधन को चुनाव में नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने खुद को महागठबंधन की ओर सीएम पद का प्रत्याशी घोषित कर रखा है। इतना ही नहीं आरजेडी की रविवार को शाही की रैली के खिलाफ थाली बजाओ कार्यक्रम भी एकला चलो राजनीति का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन बिहार की जनता के बेहतर सुशासन देने में विफल रहा है। हमारा प्रयास है कि जनता को मजबूत गठबंधन का प्रभावी विकल्प दें, लेेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है।
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वहीं आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि महागठबंधन में दरार जैसी कोई बात नहीं है। चुनाव तैयारियों की शुरुआत में ही गठबंधन दलों की भूमिका को लेकर आम सहमति बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। वहीं कांग्रेस ने महागठबंधन को लेकर चुप्पी साध ली है।
जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन को प्रदेश की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है। आरएलएसपी के नेता उपेंद्र कुशवाहा बहुत जल्द दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इतना ही नहीं महागठबंधन में सीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर तेजस्वी यादव सहयोगी दलों को स्वीकार नहीं है। यही विवाद की मूल वजह भी है।

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