
नई दिल्ली। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन ( ISRO ) ने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को ढूंढ निकाला है। लेकिन अभी तक उसके साथ कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है।
इसरो के अनुसार लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हुई, जिसकी वजह से वह चांद की सतह से टकरार कर गिर गया। हालांकि इस दौरान लैंडर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
इसरो के वैज्ञानिक अब लैंडर विक्रम से संपर्क साधने का प्रयास कर रहे है। वैज्ञानिकों की कोशिश है कि लैंडर को उसके पैरों पर खड़ा किया जाए।
आपको बता दें कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर लगातार चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है। ऑर्बिटर द्वारा ही विक्रम लैंडर को लोकेट किया गया।
इसरो के अनुसार आर्बिटर चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर की परिधि में चक्कर लगा रहा है।
वैज्ञानिकों के अनुसार 2379 किलो वजन वाला ऑर्बिटर अब एक साल की बजाए 7 सालों तक चंद्रमा का चक्कर लगाएगा और चांद की नई-नई जानकारियां देगा।
माना जा रहा है कि इसके लिए इसरो अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा ( NASA ) की मदद लेने पर भी विचार कर रहा है।
वहीं, चांद पर विक्रम लैंडर से संपर्क साधने का काउंट डाउन शुरू हो गया है। इसरो के इस प्रयास को तीन दिन बीत चुके हैं।
बावजूद इसके लैंडर से अभी तक कोई कम्यूनिकेशन स्थापित नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए विक्रम लैंडर के पास केवल 14 दिन का समय शेष था, जिसमें से 3 दिन बीच चुके हैं।
ऐसे में अगर इस अवधि में लैंडर से कोई संपर्क हो पाता है तो भारत एक नया इतिहास रचेगा।
Updated on:
10 Sept 2019 03:40 pm
Published on:
10 Sept 2019 01:56 pm
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