8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

COVID-19: कोरोना वायरस के लिए सॉफ्ट टारगेट हैं सिगरेट पीने वाले, जाने संक्रमण का खतरा इतना क्यों?

भारत समेत दुनिया में तमाम देशों में कोरोन वायरस का प्रकोप जारी दुनिया भर में अब तक कोरोना के 8 लाख 50 हजार से भी अधिक केस 42 हजार से अधिक लोग इस जानलेवा बीमारी की वजह से जान गवां चुके

2 min read
Google source verification
 कोरोन वायरस

कोरोन वायरस

नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया में तमाम देशों में कोरोना वायरस ( Coronavirus outbreak ) का प्रकोप जारी है। दुनिया भर में अब तक कोरोना ( Coronavirus ) के 8 लाख 50 हजार से भी अधिक केस पाए गए हैं, जबकि 42 हजार से अधिक लोग इस जानलेवा बीमारी की वजह से जान गवां चुके हैं।

ऐसे में साइंटिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट्स कोरोना ( Coronavirus epidemic ) से निपटने के साथ ही इसके फैलाव के कारणों की भी पड़ताल कर रहे हैं।

साइंटिस्ट्स यह भी पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर किन लोगों में कोरोना वायरस का खतरा ( Coronavirus risk ) सबसे अधिक है।

कोरोना संक्रमण के कितने दिन बाद सांस लेने में होती है तकलीफ, जानें कैसे पता करें एक-एक लक्षण

एक रिसर्च में पता लगा है कि बुजुर्गों या उम्रदराज लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है, जिसका सबसे बड़ा कारण उनके इम्यून सिस्टम का कमजोर होना है।

इस बीच एक नए शोध में सामने आया है कि स्मॉकिंग करने वालों में भी कोरोना संक्रमण फैलने का आशंका कहीं ज्यादा है।

आइए पता लगाते हैं कि इस शोध पर क्या कहता है विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) और रिसर्च सेंटर्स—

खुलासा: खांसी और छींक से 8 मीटर तक संक्रमित कर सकता है कोरोना वायरस, मात देने का बस यह तरीका

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो शराब और सिगरेट पीने वालों मे? कोरोना वायरस ? के संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

यहां तक की डब्ल्यूएचओ ने तो स्मॉकर्स के लिए चेतावनी भी जारी की है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस को पूरी तरह से कंट्रोल नहीं कर लिया जाता, तब तक लोग स्मॉकिंग से परहेज रखें।

इसके साथ ही यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने भी कोरोना के लिहाज से स्मॉकिंग को खराब बतााय है।

उसकी रिपोर्ट में बताया गया है कि स्मॉकिंग की वजह से बॉडी अतिसंवेदनशील हो जाती है, जो कई रोगों से लड़ नहीं पाती।

Coronavirus: दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात में भाग लेने वाले 300 संदिग्धों की केरल में पहचान

यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का दावा है कि स्मॉकर्स में संक्रमण का खतरा अधिक होता है और उनकी रिकवरी सामान्य लोगों की तुलना में देरी से होती है।

इसका सबसे बड़ा कारण स्मॉकिंग का फेफड़ों पर बुरा असर पड़ना है।

दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल के दो रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना संक्रमित, खतरे में मेडिकल स्टॉफ!