
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) कहर बरपा रहा है। यही वजह है कि केंद्र और राज्य सरकार से लेकर न्यायपालिका तक कोरोना महामारी ( Coronavirus Crisis ) को लेकर गहरी चिंता में है। जिसके चलते दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) ने केंद्र सरकार राजधानी दिल्ली के हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की किल्लत के मामलों पर तुरंत ध्यान देने की बात कही है। यही नहीं हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी Inox को भी निर्देश दिया है कि वो दिल्ली सरकार और राजधानी में हॉस्पिटलों के साथ कॉन्ट्रेक्ट का पूरा सम्मान करे और ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रखे। हाईकोर्ट ने कंपनी को 140 मीट्रिक टन ऑक्सीन की तत्काल सप्लाई करने का भी निर्देश दिया।
दिल्ली में उपलब्ध बेड्स की जानकारी दे सरकार
हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में दिल्ली और केंद्र सरकार से कहा कि वो हलफनामा के माध्यम से हॉस्पिटलों के हिसाब से कोरोना मरीजों के लिए दिल्ली में उपलब्ध बेड्स की जानकारी दे। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के संकट के विषय में कहा कि पिछले साल कोरोना लॉकडाउन को लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार दोनों ही बुरी तरह असफल साबित हुए थे। जिससे अब सबक लिए जाने की जरूरत है। कोरोना संकट को लेकर गंभीर दिखे उच्च न्यायालय ने कहा कि 24 घंटे में कोरोना रिपोर्ट न देने वाली लैब्स पर कार्रवाई का निर्देश दिल्ली सरकार पर लागू नहीं माना जाएगा।
हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की किल्लत की खबरें
वहीं, वहीं, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में अचानक हुई वृद्धि से समझा जा सकता है कि यह उन लोगों में घबराहट पैदा कर रहा है, जो हॉस्पिटलों में भर्ती होना चाहते थे। इसलिए हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की किल्लत की खबरे सामने आ रही हैं। भार्गव ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन का इस्तेमाल 54.5 प्रतिशत पाया गया है, बनिस्पद पिछले साल के 41.1 प्रतिशत के। हालांकि इस दौरान मकैनिकल वेंटीलेशन की जरूरत पहले के 37 प्रतिशत के मुकाबले 27 प्रतिशत है। तो भी ऑक्सीजन की मांग और आवश्यक्ता ज्यादा है।
Updated on:
19 Apr 2021 06:27 pm
Published on:
19 Apr 2021 06:20 pm
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