‘…ऐसे सवालों से काफी शर्मिंदगी हुई’ उन्होंने कहा, ‘जांच के लिए मौजूद टीचर्स ने मुझसे मेरे कपड़ों को लेकर कई सवाल किए और फिर मुझे कहा कि ऐसे कपड़े पहनकर मैं परीक्षा देने नहीं जा सकती। कपड़ों को लेकर किए गए सवालों से मुझे काफी शर्मिंदगी हुई। मैं पहले भी जंपसूट पहनकर कई बार परीक्षा दे चुकी हूं क्योंकि यह मेरे लिए आरामदायक होती है।’
कपड़ों को लेकर नहीं है कोई नियम दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा तिरना के साथ ये घटना 8 जुलाई को सिलीगुड़ी के दिल्ली पब्लिक स्कूल में घटी। गौरतलब है कि नेट की परीक्षा से पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से दिशानिर्देश भी जारी किए जाते हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक सामान, घड़ी, मेटल एसेसरीज आदि को लेकर जाना प्रतिबंधित है, लेकिन कपड़ों को लेकर कोई नियम नहीं है। तिरना ने यह भी बताया कि उन्हें कपड़ों को लेकर अंदर नहीं जाने दिया, लेकिन कई छात्रों को घड़ी पहनकर भी जाने दिया गया।
कपड़े बदलकर फिर गईं परीक्षा देने तिरना के मुताबिक जब उन्हें यह लग गया कि बातचीत करना निरर्थक है और उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। इसके बाद वे वापस घर गईं और कपड़े बदलकर परीक्षा देने पहुंची। इसके बाद जाकर उन्हें परीक्षा कक्ष में एंट्री दी गई। तिरना ने यह भी कहा कि परीक्षा केंद्र के बाहर भी किसी ने उनका समर्थन नहीं किया, जिसे लेकर वे बेहद निराश हैं।