
Farmer Protest: क्या 8 जनवरी को खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन? जानिए सरकार का रुख
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को खिलाफ प्रदर्शन ( Protest against agricultural laws ) कर रहे किसानों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। यही वजह है कि केंद्र और किसानों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी विफल रही। कोई नतीजा न निकलते देख दोनों पक्षों ने अब अंतिम दौर की वार्ता 8 जनवरी को रखी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ( Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare Narendra Singh Tomar ) ने किसान संगठनों के नेताओं के साथ वार्ता के बाद कहा कि किसान संगठनों के नेताओं के तीन कृषि कानूनों ( Farm Laws ) को रद्द करने की मांग पर अड़े रहने के कारण सोमवार की वार्ता बेनतीजा रही, लेकिन दोनों पक्षों की सहमति से अब अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को आयोजित करने का फैसला लिया गया है।
कानून वापस नहीं हो जाते तब तक किसान घर वापसी नहीं करेंगे
वहीं, इस दौरान किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को दो टूक कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं हो जाते तब तक किसान घर वापसी नहीं करेंगे। टिकैत ने कहा कि आठ जनवरी को होने वाली आखिरी दौर की वार्ता में कृषी कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बातचीत होगी। अगर सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो देश का किसान 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस मनाएगा। उन्होंने कहा कि वार्ता विफल होने के क्रम में कि इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों की झांकी देखने को मिलेगी।
कृषि कानूनों की वापसी तक कोई बातचीत नहीं
राकेश टिकैत ने कहा कि वार्ता के दौरान किसानों ने सरकार से स्पष्ट कह दिया कि कृषि कानूनों की वापसी तक कोई बातचीत नहीं होगी। भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि पिछली बार की बैठकों की अपेक्षा इस बार सरकार के रवैये में सकारात्मकता का भाव देखने को मिला है। आपको बता दें कि किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
Updated on:
04 Jan 2021 10:36 pm
Published on:
04 Jan 2021 09:56 pm
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