
Ganesh Chaturthi 2020: गणेश चतुर्थी का क्या है पौराणिक महत्व? क्या है मनाने की विधि
नई दिल्ली। देश में गणेश चतुर्थी 2020 ( Ganesh Chaturthi 2020 ) की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार गणेश चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi ) 22 अगस्त यानी शनिवार के दिन पड़ रही है। दरअसल, गणेश चतुर्थी भगवान शंकर के पुत्र गणेश जी के लिए मनाई जाती है। इस दिन लोग गणेश जी की प्रतिमा को अपने घरों या पंडाल में सजाते हैं। गणेश चतुर्थी के 11वें दिन गणेश जी प्रतिमा को धूमधाम के साथ पावन नदियों में विसर्जित कर दिया जाता है। गणेश प्रतिमा के विसर्जन ( Immersion of Ganesh idol ) के समय भक्तजन उनको अगले साल आने का निमंत्रण देते हैं और कामना करते हैं।
आपको बता दें कि गणेश जी बुद्धि के देवता माने जाते हैं। इसके साथ ही गणेश जी को आराधना सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले की जाती है। यही कारण है कि धार्मिक आयोजनों व धार्मिक अनुष्ठानों में गणेश जी की पूजा प्रथम की जाती है।
क्या है गणेश चतुर्थी का पौराणिक महत्व?
बुद्धि के देवता गणेश जी भगवान शंकर के पुत्र हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव और माता पावर्ती के पुत्र गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश जी को सर्मित गणेश चतुर्थी उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है और इस दिन उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
विघ्नहर्ता गणेश भगवान का जन्मोत्सव सनातन धर्म में विशेष स्थान रखता है। दरअसल, गणेश भगवान को संकटों का नाश करने वाला माना जाता है। वेदों और पुराणों में गणेश जी को भक्तों की सभी बाधाओं को हरने वाले और मनोकामना पूर्ण करने वाले देवता के रूप में जिक्र किया गया है। दिल्ली सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी आदेश के तहत गणेश चतुर्थी पर्व पर भी भगवान गणेश की सार्वजनिक मूर्ति स्थापना या पंडाल बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
Updated on:
20 Aug 2020 04:58 pm
Published on:
20 Aug 2020 04:50 pm
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