आलम यह है कि तब से अब तक दिल्ली में निम्न व मध्यम तीव्रता के 10 भूकंप आ चुके हैं। इस बीच देश के बड़े भूविज्ञानियों ( Geologists ) दिल्ली में भूकंप ( Earthquake alert in Delhi ) का बड़ा अलर्ट जारी किया है।
भूविज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि निकट भविष्य में राजधानी की धरती किसी विनाशकारी भूकंप से हिल सकती है।
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भारत सरकार के विज्ञान व तकनीक विभाग के अंतर्गत कार्यरत वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर कलाचंद सैन ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में जिस तरह से भूकंपों की एक श्रखंला बन गई है, वह किसी बड़े भूकंप को आमंत्रित कर सकती है।
उन्होंने कहा कि इसकी जगह, समय और तीव्रता का अभी सही अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन यह विनाशकारी हो सकता है।
वहीं, आईआईटी जम्मू के प्रोफेसर व अर्थक्वेक इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट चंदन घोष ने कहा कि 29 मई को दिल्ली में आए दो भूकंपों की तीव्रता 4.5 रिकॉर्ड की गई। लेकिन अगर इनकी तीव्रता थोड़ी सी और अधिक होती तो राजधानी में इसका खौफनाक रूप देखने को मिल सकता था।
प्रोफेसर घोष ने कहा कि दिल्ली में 6.0 की तीव्रता वाला भूकंप भी अधिक विध्वसंक हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो बहुत सारी बड़ी—बड़ी इमारतें धूल के गुबार में बदल जाएंगे।
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प्रोफेसर चंदन घोष ने बताया कि दिल्ली एनसीआर का क्षेत्र भूकंप के जोन-4 में आता है। जोन 4 भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
बावजूद इसके यहां पर अधिकत बिल्डिंग्स के निर्माण में भारतीय मानक ब्यूरो के नियमों अनुपालन नहीं किया जाता। ऐसे में बस इसी बात का डर है कि भविष्य में अगर की ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप आया तो विनाश मच जाएगा।
इस बीच प्रोफेसर ने जापान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भूकंप के जोन-5 में आने वाले इस देश में बिल्डिंग्स के निर्माण में भूंकपरोधी मानकों पूरी तरह से पालन किया जाता है।