
Hollywood Sci-Fi movie like creature found
नई दिल्ली। हिंद महासागर ( indian ocean ) की गहराई में एक नई प्रजाति ( new species ) का जीव पाया गया है। देखने में हॉलीवुड की साइंस-फिक्शन फिल्मों ( Hollywood Sci-Fi movie ) के किसी अजीब से जीव की तरह नजर आने वाले इस जीव ( Giant creature found ) को वैज्ञानिकों ने सी कॉक्रोच या समुद्री तिलचट्टा ( Sea Cockroach ) नाम दिया है। 14 पैरों वाले बेहद ही खतरनाक नजर आने वाला यह तिलचट्टा सिंगापुर के शोधकर्ताओं ने खोजा था, जो पश्चिमी जावा में बैंटन के तट के पास एक गहरे समुद्र में सर्वेक्षण कर रहे थे।
विचित्र सा नजर आने वाला यह समुद्री जीव पहली बार वर्ष 2018 में देखा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे 'बाथिनोमस रक्ससा' ( Bathynomus raksasa ) नाम दिया गया है।
इस जीव का पता लगाने वाली सर्वेक्षण टीम का नेतृत्व पीटर एनजी ने किया था। एनजी और उनके सहयोगियों ने दो हफ्तों के लिए बैंटन के तट के पास के समुद्री इलाके की खोजबीन की। इस दौरान उन्होंने 63 क्षेत्रों को खोजा। यह शोध नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और इंडोनेशिया विज्ञान संस्थान के बीच संयुक्त रूप से की गई।
बेहद एडवांस्ड तकनीकी के कोरिंग और ड्रेजिंग उपकरणों की मदद से समुद्र की लगभग 800 मीटर की गहराई में हजारों नमूनों को निकाला गया। हालांकि कुछ नमूने समुद्र तल से 2100 मीटर नीचे तक से भी आए।
निकाले गए इन समुद्री जीवों में जेली फिश, केकड़े, अर्चिन, कीड़े, मछली, स्टारफ़िश समेत बहुत कुछ शामिल था। इनमें लगभग 800 विभिन्न प्रजातियां पाई गईं। अविश्वसनीय रूप से 12 प्रजातियां ऐसी निकलीं जो वैज्ञानिक इतिहास में अब तक अज्ञात और अपरिचित रही थीं।
बाथिनोमस रक्सासा यानी समुद्री तिलचट्टा की पहचान एक 'विशाल आइसोपॉड' के रूप में की गई थी। यों तो वे एक जमीनी तिलचट्टा की तरह नजर आथे हैं, लेकिन वैज्ञानिक रूप से यह केकड़ों और झींगा से जुड़े हुए हैं।
विशालकाय तिलचट्टा को नीचे तक डूब जाने वाले मृत समुद्री जीवों के अवशेषों को साफ करने के लिए जाना जाता है। जमीनी तिलचट्टे की ही तरह ये बिना भोजन खाए लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
शोधकर्ताओं द्वारा पकड़े गए समुद्री तिलचट्टा का आकार 20 इंच था। दिलचस्प बात यह है कि यह अब तक खोजा गया दूसरा सबसे बड़ा आइसोपॉड है।
इंडोनेशियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज के काह्यो रहमदी ने बीबीसी को बताया, "नई प्रजाति की खोज एक टैक्सोनोमिस्ट के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। विशेष रूप से आकार और यहां तक कि इकोसिस्टम के संदर्भ में शानदार प्रजातियां हैं।"
Updated on:
19 Jul 2020 12:21 pm
Published on:
19 Jul 2020 12:15 pm
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