
नई दिल्ली। हैदराबाद गैंगरेप और हत्या के आरोपियों का एनकाउंटर होने के बाद से देशभर में सियासी हलचल तेज है। इस घटना को जहां एक तबका सही ठहरा रहा है तो वहीं दूसरी ओर लोगों का मानना है कि आरोपियों को अदालत का सामना करना चाहिए था। लेकिन इस मुद्दे पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर एक आईपीएस और आईएएस अधिकारी के बीच कहासुनी वर्ड्स वार तक पहुंच गई।
दरअसल, 6 दिसंबर को हैदराबाद पुलिस द्वारा एनकाउंटर के बाद आईपीएस डी रूपा ने ट्वीट किया कि परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥ इस ट्वीट के जवाब में छत्तीसगढ़ में तैनात IAS अधिकारी अवनीश शरण ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ' मैम यह आप जैसे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से अपेक्षित नहीं था। माफ कीजिए!
IPS डी रूपा का जवाब- यह आपके पूर्वाग्रह को दर्शाता है
इसके बाद डी रूपा ने एक और ट्वीट कर IAS शरण को जवाब दिया। उन्होंने लिखा कि यह संस्कृत के विरुद्ध आपके पूर्वाग्रह को दर्शाता है। इसमें धर्म का अर्थ पवित्रता है, धर्म नहीं। कई पुलिस संगठनों के आदर्श वाक्य दुष्टा शिक्षक, शिष्ट रक्षक है जिसका अर्थ वही है जो इस कविता में कहा गया है। और, मैंने इसे किसी भी चीज से टैग या लिंक नहीं किया है। सत्यमेव जयते!
आपको बता दें कि हैदराबाद में पशु-चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपी शुक्रवार सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार गिराया था। साइबराबाद पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनर ने बताया कि चारों आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए। मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। उसके बाद यह घटना दुनिया भर में चर्चा का और बहस का विषय बना हुआ है। खासकर सोशल साइट्स पर इस बात की सबसे ज्यादा चर्चा है।
Updated on:
08 Dec 2019 02:44 pm
Published on:
08 Dec 2019 02:43 pm
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