हालांकि इससे अब निपटने के लिए पूरी दुनिया में तेजी के साथ टीकाकरण करने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन टीकाकरण के इस महाअभियान के बीच भी कई तरह के वाजिब सवाल हैं और लोगों में एक डर है। ऐसे में इन सभी सवालों के जवाब देने के साथ ही डर को दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
सितंबर में बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन को मिल सकती है मंजूरी: AIIMS डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया
इन्हीं सवालों के बीच में एक सवाल है कि क्या गर्भवती महिलाओं को कोरोना का टीका लगाया जाना चाहिए? यदि किसी गर्भवती महिला को टीका लगाया जाता है तो क्या इसके नकारात्मक प्रभाव महिलाओं पर अधिक होगा? ऐसे ही सवालों पर अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने जवाब दिया है।
ICMR के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीन दिया जाना चाहिए। यह प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने अपनी गाइडलाइन में ये बताया है कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना वैक्सीन दिया जा सकता है। वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है। उन्हें वैक्सीन दिया जाना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के संबंध जल्द जारी होगी गाइडलाइन
आईसीएमआर ने बताया है कि बच्चों के टीकाकरण को लेकर 2-18 साल तक के बच्चों पर एक स्टडी की गई है। सितंबर तक इसके परिणाम सामने आ सकते हैं, जिसके बाद देश में बच्चों के टीकाकरण पर फैसला लिया जाएगा।
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ICMR ने आगे बताया है कि जब तक हमारे पास बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अधिक से अधिक डेटा सामने नहीं आ जाते हैं तब तक व्यापक स्तर पर बच्चों का टीकाकरण नहीं किया जा सकता है। वहीं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के संबंध में ICMR डायरेक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि सरकार जल्द ही इसको लेकर गाइडलाइन जारी करेगी। ICMR की रिसर्च में पता चला है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गर्भवती महिलाएं काफी संख्या में प्रभावित हुई हैं। साथ ही उनकी मृत्यु दर और संक्रमण दर में भी बढ़ोतरी हुई है।