देश के पास 5 वैक्सीन मौजूद
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने ट्वीट करके कहा है कि अब भारत के पास 5 EUA वैक्सीन मौजूद हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह COVID—19 के खिलाफ हमारे देश की सामूहिक लड़ाई को और बढ़ावा देगा। सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड (ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका), भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और डॉ रेड्डीज की स्पूतनिक वी (रूस में डिवेलप) पहले से ही उपलब्ध हैं। सिप्ला को भी मॉडर्ना की वैक्सीन के इम्पोर्ट की इजाजत मिल चुकी है।
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कई तरीके से प्रोटेक्शन देती है यह वैक्सीन
जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसको जेनेटिक मैटीरियल का इस्तेमाल करके बनाई गई है। यह वायरस के जेनेटिक कोड का प्रयोग स्पाइक प्रोटीन बनाने के लिए करते हैं। कई और वैक्सीन भी इसी तरीके से प्रोटेक्शन प्रदान करती हैं। वायरस शरीर में पहुंचकर वह अपनी कॉपीज बनाना शुरू करता है जिससे संक्रमण फैलता है। यह वैक्सीन उसकी कॉपीज बनने से रोकती है।
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हॉस्पिटलाइजेशन और मौत से बचाती है वैक्सीन
अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने थर्ड फेज के ट्रायल के परिणाम में दावा किया गया था कि कंपनी की सिंगल-शॉट वैक्सीन 85 प्रतिशत तक सुरक्षा देती है। सिंगल डोज वाली वैक्सीन सभी क्षेत्रों में हुई स्टडीज में गंभीर बीमारी रोकने में सक्षम पाई गई है। कंपनी का कहना है कि वैक्सीन लगने के 28 दिनों के भीतर ये मृत्यु दर को कम करने, मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या को भी कम करने में सक्षम है।
5 अगस्त को किया था आवेदन
जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा था कि 5 अगस्त, 2021 को जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड ने भारत सरकार को अपनी एक डोज वाली COVID-19 वैक्सीन के EUA के लिए आवेदन दिया था। भारत ने अब इसकी इजाजत दे दी है।