भारत के अलावा चीन, जापान, थाईलैंड और अमरीका कोरोनावायरस को आइसोलेट करने में सफलता हासिल कर चुके हैं।
अचानक बदला मौसम, दिल्ली-एनसीआर में बारिश के साथ गिरे ओले दरअसल अब तक दुनिया भर में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 5 हजार से भी अधिक हो चुकी है, जबकि 1.35 लाख से भी ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं।
भारत की बात करें तो यहां अब तक कोरोनावायरस के 83 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं अब तक 2 लोगों की इससे मौत भी हो गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) के वैज्ञानिक रमन गंगाखेड़कर के मुताबिक कोरोनावायरस आसानी से आइसोलेशन में नहीं आता है।
ऐसे में इसे आइसोलेट करने में कामयाबी हासिल कर लेना भारत के लिए बड़ी सफलता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस के एक और कद्दावर नेता ने की नई पारी की शुरुआत ये होगा फायदागंगराड़े की मानें तो आइसोलेशन की वजह से अब दवा बनाना और उसकी टेस्टिंग करना आसान हो जाएगा, क्योंकि हर दवा की टेस्टिंग के लिए उस विषाणु की जरूरत होती है, जिसके खिलाफ दवा बनाई जाती है।
आइसोलेशन को समझें
आइसोलेशन को आसान भाषा में समझें तो अब वैज्ञानिकों को कोरोनावायरस का पूरा सैंपल मानव शरीर के बाहर रखने में सफलता मिल चुकी है। आईसीएमआर के मुताबिक यह बड़ी सफलता है, क्योंकि इससे दवा, वैक्सीन और टेस्टिंग किट बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने ये भी कहा कि
कोरोना वायरस का आइसोलेशन मुश्किल था, क्योंकि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत ही कम है।