
देश में दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की घर वापसी के साथ केंद्र सरकार विदेशों में फंसे भारतीयों को भी देश लाना शुरू कर दिया है। हवाई और समुद्र मार्ग से भारतीयों को लाए जाने की तैयारी की गई है। 'मिशन समुद्र सेतु' (Mission Samudra Setu) के तहत मालदीव से भारतीयों को समुद्र के रास्ते लाया जा रहा है। माले से 698 भारतीयों को लेकर भारतीय नौसेना (Indian Navy) का युद्धपोत INS जलाश्व रवाना हो चुका है। इस मिशन के तहत अगले कुछ दिनों में मालदीव से लगभग पांच हजार भारतीयों को देश लाया जाएगा।
देश वापसी के लिए समुद्र से पहली यात्रा
'समुद्र सेतु' के तहत यह पहली यात्रा है, जिससे भारतीय अपने वतन लौटेंगे। INS जलाश्व माले से केरल के कोच्चि पहुंचेगा। इंडियन नेवी के अनुसार- माले से रवाना हुए INS जलाश्व में 698 लोग आ रहे हैं। इनमें 19 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। कुल 698 यात्रियों में से 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं।
4500 भारतीय चाहते हैं वतन वापसी
मालदीव में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। यहां लगभग 800 किलोमीटर की दूरी में फैले 200 द्वीपों में भारतीय लोग बसे हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार- मालदीव में 27,000 के करीब भारतीय रह रहे हैं। इसमें से लगभग 4500 लोगों ने देश लौटने की इच्छा जाहिर की है। मालदीव के माले में भी पूरी तरह से लॉकडाउन लागू है। शिप में बैठने से पहले सभी लोगों की स्क्रीनिंग तथा अन्य टेस्टिंग की गई है।
वरिष्ठ नागरिकों और फैमिली इमर्जेंसी वालों को प्राथमिकता
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि- INS जलाश्व और INS मगर के जरिए लगभग दो हजार भारतीयों को देश लाए जाने की योजना है। इसके दोनों युद्धपोत कोच्चि और तूतीकोरिन के लिए दो-दो चक्कर लगाएंगे। मालदीव से लाए जाने वाले लोगों में वरिष्ठ नागरिकों, बेरोजगारों, गर्भवती महिलाओ, अस्वस्थ लोगों और फैमिली इमर्जेंसी से संबंधित लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
Updated on:
09 May 2020 02:59 pm
Published on:
09 May 2020 09:02 am
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