
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने Agriculture Reforms Bill 2020 के माध्यम से साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसमें कृषि क्षेत्र में किए सुधार के प्रयासों का भी जिक्र किया गया है। इस क्रम में पिछले दिनों लोकसभा से तीन विधेयक पारित किए गए। वहीं, विपक्ष ने इन कृषि विधेयकों का विरोध किया है। यही वजह है कि देश के विपक्षी दल और किसान संगठन केंद्र सरकार और कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
विरोध की वजह
1. किसान अगर रजिस्टर्ड कृषि उत्पाद बाजार समिति के बाहर बेचना शुरू कर देंगे तो मंडियों को शुल्क मिलना खत्म हो जाएगा। जिसकी वजह से राज्यों को राजस्व के रूप में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
2. कृषि विधेयकों में शामिल प्रावधानों के तहत अगर कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री मंडियों के बाहर शुरू हो गई तो राज्यों में स्थित ‘कमीशन एजेंट’ बेरोजगार हो जाएंगे।
3. इस व्यवस्था से फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) आधारित खरीद प्रणाली खत्म हो जाएगी।
4— दरअसल, कुछ सरकारी ई-ट्रेडिंग पोर्टल जैसे ई-नाम आदि का कारोबार मंडियों पर ही आधारित है। कारोबार में कमी आई तो मंडियों के साथ ई-नाम भी बर्बाद हो जाएगी।
कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य विधेयक-2020
क्या है प्रावधान—
1. कृषि विधेयकों में एक ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसके तहत किसान और कृषि व्यवसाय से जुड़े व्यापारी राज्यों में स्थित कृषि उत्पाद बाजार समिति से बाहर उत्पादों की खरीद-बिक्री कर सकें।
2. किसानों के उत्पादों के निर्बाध व्यापार को राज्य के भीतर तथा राज्य के बाहर बढ़ावा देना।
3. व्यापार व परिवहन लागत को कम करके किसानों को उनके उत्पादों का अधिक मूल्य दिलवाना।
4. ई-ट्रेडिंग के लिए सुविधाजनक तंत्र विकसित करना।
किसानों को क्या होगा लाभ?
1. कृषि विधेयक में शामिल प्रावधानों को लागू करने के बाद किसान अपने उत्पादों को बेचने के लिए मंडी के व्यापारियों तक ही सीमित नहीं रहेंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा होगा, इससे कृषि उत्पादों को अच्छी कीमत मिल सकेगी।
2. कृषि बाजार में मंडियों के अलावा फार्मगेट, कोल्ड स्टोर, वेयरहाउस व प्रोसेसिंग यूनिट ज्यादा अच्छा काम कर सकेंगी।
3. इसका एक प्रावधान मंडियों व किसानों के बीच बिचौलिए को हटाना भी है। माना जाता है कि ये बिचौलिए किसानों का काफी नुकसान पहुंचानते हैं।
4. इस व्यवस्था से देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा
5. इसका लाभ यह होगा कि इससे पारदर्शिता ज्यादा होगी।
Updated on:
22 Sept 2020 11:09 am
Published on:
22 Sept 2020 11:04 am
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