
लॉकडाउन के बीच पिता की मदद के लिए पैदल ही निकल पड़ा बेटा
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) के बढ़ते खतरे के बीच सरकार ने लॉकडाउन ( Lockdown ) की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया है। कोरोना वायरस से लड़ने में लॉकडाउन भले ही एक बड़े हथियार के रूप में सामने आया हो, लेकिन इस तालाबंदी से कुछ परेशानियां भी सामने आई हैं। खास तौर पर अपनों से दूरी और मदद ना कर पाने की मजबूरी ने कई लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
ऐसी ही एक परेशानी दिल्ली ( Delhi ) निवासी एक युवक के सामने आ गई। दरअसल लॉकडाउन की वजह से ये युवक उत्तराखंड ( Uttarakhand ) में फंस गया है। लेकिन जैसे ही इसे पता चला कि पिता की तबीयत बिगड़ गई है। इस बेटे ने लॉकडाउन के बीच पैदल ही पिता की मदद के बीच आ रहे फासले को तय करने का मन बना लिया।
पुलिस ने भेजा राहत शिविर
पिता की मदद के लिए लॉकडाउन में पौढ़ी से निकले युवक को रास्ते में ही पुलिस ने पकड़ लिया। काशीपुर पुलिस ने इस युवक को पकड़ कर राहत शिविर में भेज दिया। युवक की परेशानी को देखते हुए पास बनवाने का प्रयास किया जा रहा है।
दोस्त के पास घूमने गया था जतिन
दिल्ली के शाहदरा वेस्ट गोरख पार्क का रहने वाला जतिन सिंह दिल्ली में ही एक कंपनी में मार्केटिंग का काम करता है। 20 मार्च को वह मजेड़ा जिला पौड़ी गढ़वाल निवासी अपने दोस्त दीपक के साथ उसके गांव घूमने आया था।
इसी दौरान पहले जनता कर्फ्यू लगा और इसके बाद लॉकडाउन के पहले चरण की घोषणा हो गई। इतना ही नहीं 14 अप्रैल को ही लॉकडाउन 19 दिन के लिए फिर बढ़ा दिया गया।
लेकिन इस बीच जतिन को पता चला कि उसके पिता की तबीयत खराब है तो उससे रहा नहीं गया। जतिन ने पिता की मदद के लिए पौड़ी से दिल्ली का सफर पैदल ही करने का फैसला लिया।
लेकिन, काशीपुर में पुलिस ने पकड़ उसे राहत शिविर में भेज दिया। राहत शिविर में मौजूद जतिन ने बताया उसके पिता के लगभग छह माह पहले पेसमेकर लगाया गया है।
गुरुवार शाम काशीपुर पुलिस ने उसे पकड़ राहत शिविर में भेज दिया। शिविर के नोडल अधिकारी ने बताया कि पुलिस-प्रशासन से बात करके युवक का पास बनवाने की व्यवस्था की जा रही है।
Updated on:
25 Apr 2020 03:58 pm
Published on:
25 Apr 2020 01:53 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
