मुकेश केजरीवाल
नई दिल्ली। लॉकडाउन ( Lockdown ) के बाद से तेजी से खाली हो रहे सरकारी खजाने ( Government treasury ) और बड़ी संख्या में जा रहे लोगों के रोजगार को बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने अगली योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत उन्होंने अभी दो सूत्रीय एजेंडा दिया है। पहला है खनन से धन और रोजगार जुटाना। साथ ही आयात पर निर्भरता कम करना। दूसरा है, मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में ही झटपट शुरू होने वाली योजनाओं में निवेश को तत्काल मंजूरी देने के लिए एक नई योजना शुरू करना।
विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के बाद जहां भारत में आर्थिक विकास दर घट कर शून्य से एक के बीच रह सकती है, वहीं गंभीर उपाय नहीं हुए तो 10 करोड़ तक लोगों के रोजगार जा सकते हैं।
निलामी प्रक्रिया पर होगा खास ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस लिहाज से गुरुवार को दो अलग-अलग बैठकें कीं। नए उपायों की तलाश में उन्होंने खनन क्षेत्र की संभावना को देखते हुए सबसे पहले इसी पर दाव लगाने की तैयारी की है। कोयले की निलामी के यूपीए सरकार के दौरान के अनुभव को देखते हुए पहले ही कह दिया है कि सबसे जरूरी है कि इसके ब्लॉक की निलामी की प्रक्रिया पर ध्यान दिया जाए। निलामी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए और ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने इस क्षेत्र के विकास का पूरा प्लान बनाने को कहा है। इसमें उत्पादन बढ़ाने के साथ ही खनन की लागत कम करने और ढुलाई का खर्च घटाने पर भी जोर दिया है। इससे खनीज पदार्थों के लिहाज से भारत आत्म निर्भर भी हो सकेगा। हालांकि खनन को अचानक रफ्तार देने से पर्यावरण का खतरा जरूर होगा।
इसी तरह केंद्र सरकार जल्दी ही एक योजना तैयार करेगी जिसमें मौजूदा औद्योगिक प्लॉट या एस्टेट में झटपट शुरू हो सकने वाले प्रोजेक्ट को विशेष तौर पर बिना देरी मंजूरी दी जा सके। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को इस बारे में जल्दी ही पूरी तैयारी करने को कहा है। इससे विदेशी निवेश को आकर्षित करने में तो मदद मिलेगी ही घरेलू निवेश को भी बढ़ावा मिल सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों से जरूरी मंजूरियों में देरी नहीं हो, इसका ध्यान रखना होगा।
निवेश की नई योजना क्यों
Updated on:
01 May 2020 08:51 am
Published on:
01 May 2020 07:05 am