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India-China Tension: पीएम मोदी का जवाब, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

कोरोना महामारी ( Coronavirus in india ) पर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ( PM Modi meeting with CMs ) समेत सभी सबसे पहले दो मिनट का रखा मौन। गलवान घाटी ( Tension In Galwan Valley ) से उठे भारत-चीन विवाद ( india-china dispute ) पर पीएम मोदी ने सुनाई दो टूक कि अपनी अखंडता से समझौता नहीं करेगा भारत। पीएम मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने कहा कि कोई हमें उकसाएगा तो उसका पूरा जवाब देने में भारत सक्षम है।  

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PM Modi on India-China Tension

PM Modi on India-China Tension

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus in india ) से जूझते भारत को अब चीन लद्दाख ( tension on Ladakh border ) में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर परेशान कर रहा है। बुधवार को देश के 15 प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक ( PM Modi Meeting With CMs ) के दौरान सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) के साथ सभी ने चीन की सीमा ( india-china dispute ) पर हुई झड़प में शहीद भारतीय सैनिकों को सलाम किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने चीन को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और भारत अपनी अखंडता से समझौता नहीं करेगा।

मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली ( Tension In Galwan Valley ) में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुये सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। दुःख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं। हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।

भारत की संस्कृति-सभ्यता के बारे में बोलते हुए पीएम ने कहा कि भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है। भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोकाः समस्ताः सुखिनों भवन्तु। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है। हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक सहयोगात्मक और मित्रतापूर्ण तरीके से मिलकर काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है।

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पीएम ने आगे कहा कि जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें, डिफरेंस, डिस्प्यूट में न बदलें। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।

देश की ताकत के बारे में पीएम बोले कि त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं। मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूँ, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक सकता।इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए।

पीएम मोदी ने दो टूक लहजे में कहा कि भारत शांति चाहता है। लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा। देश को इस बात का गर्व होगा की हमारे सैनिक मारते मारते मरे हैं. मेरा आप सभी से आग्रह है की हम दो मिनट का मौन रख के इन सपूतों को श्रद्धांजलि दें।

मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन शामिल हुए।

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बता दें कि बीते 15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने की खबरें सामने आईं। इस झड़प में भारत के 20 जवानों के शहीद हो जाने की खबर है। जबकि यह भी बताया जा रहा है कि इस दौरान चीन के लगभग 40 जवान हताहत हुए। हालांकि चीन ने अभी तक हताहतों की कोई संख्या आधिकारिक तौर पर नहीं घोषित है।

इस मामले को लेकर चीन ने उल्टा भारत पर ही कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाया है, जबकि भारत ने साफतौर पर जवाब दिया है कि पूरी घटना चीन की हिमाकत का नतीजा है। लद्दाख में सीमा पर अभी भी तनाव है, हालांकि चर्चा भी जारी है। वहीं, पीएम मोदी ने आगामी 19 जून को इस मामले को लेकर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई और विपक्ष की आलोचनाओं के बावजूद पीएम ने जवानों को श्रद्धांजलि दी।


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