
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हर राज्य में दिहाड़ी मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनके सामने खाने-पीने तक का संकट खड़ा हो गया है। उत्तराखंड में भी भारी संख्या में मजदूर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। दूसरे राज्यों के मजदूर भी यहां पर फंसे हुए हैं। ऐसे में उत्तराखंड में राष्टीय स्वयं सेवक संघ ने इन लोगों काम दिलाने का बीड़ा उठाया है। आरएसएस इनके लिए कृषि से जुड़े रोजगार और अवसरों की तलाश कर रहा है।
साढ़े चार सौ मजदूरों की बनाई गई लिस्ट
देहरादून के महाराणा प्रताप नगर के नगर कार्यवाह चन्द्रशेखर जोशी के अनुसार- 'हमारे यहां करीब 450 दिहाड़ी मजदूर लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हैं। इनमें ज्यादातर मजदूर मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के हैं। ये लोग यहां पर पहले मिस्त्रीगीरी, और दैनिक मजदूरी का कार्य करते थे। यहीं पर आस-पास झोपड़ी रहते भी हैं। लॉकडाउन के कारण अभी सारे काम बंद है। ऐसे में इन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए धन की जरूरत है। इसलिए यह लोग हमसे नगद धनराशि मांग रहे थे, जो कि हम लोगों ने देने से मना कर दिया है। इसकी जगह हम इन्हें खेती-किसानी से जुड़े कार्यों में लगाने जा रहे हैं ताकि यह अपना रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर सकें। हलांकि यह लोग सुबह-शाम यहीं पर भोजन करते हैं।'
गेहूं की कटाई का चल रहा है समय
उन्होंने बताया कि- 'ऐसे में हमारे संगठन के अन्य लोगों ने योजना बनाई की इन्हें कृषि के काम में लगाया जाए। इस समय यहां पर गेंहू कटाई का समय चल है। ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की काफी कमी है। कुछ गाइडलाइन के साथ कृषि को लॉक
इसलिए लोगों को इनकी जरूरत है। देहरादून के करबारी ग्रांट, तेलपुर, बनियावाला, मेंहूवाला सहित अनेक गांव शामिल हैं। जहां पर इन्हें कटाई का काम आसानी से मिल जाएगा और बदले में इन्हें 400-500 रुपए भी प्रतिदिन मिल जाएंगे। जिससे इनके परिवार का भरण-पोषण हो जाएगा।'
कृर्षि में सोशल डिस्टेंसिंग का किया जाएगा पालन
जोशी अनुसार- संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख राजेन्द्र पंत और महानगर के अन्य कार्यकर्ताओं ने इन्हें अभी कटाई के कामों लगाने को कहा है। इन 450 मजदूरों की सूची बनाकर बड़ोवाला भंडारी फार्म हाउस केंद्र में रखी गई है। सभी का आधार कार्ड और अन्य ब्यौरा भी रख लिया गया है। किसानों को सूचना दे दी गई है। वह लोग हमारे यहां मजदूरों के लिए संपर्क कर रहे हैं। इन्हें बीघे के हिसाब से पैसा दिया जाएगा। जो भी दिहाड़ी होगी वह हमारे केंद्र में जमा होगी। यहीं से इन्हें मजदूरी का पैसा दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि जिससे श्रामिकों का पैसा सुरक्षित रहे। यह लोग गेंहू कटाई के अलावा अन्य कृषि कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे।
Updated on:
09 Apr 2020 07:24 pm
Published on:
09 Apr 2020 06:35 pm
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