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शाहीनबाग: वार्ताकारों की बातों से महिलाएं नाखुश

दूसरे दिन की बातचीत भी रही विफल महिलाओं ने वार्ताकारों के रवैये पर जताई नाखुशी कहा- ये केवल सड़क खुलवाने आए हैं, परेशानी सुनने नहीं

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सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वातार्कारों ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार को शाहीनबाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं से मुलाकात और बात की, मगर उनके जाने के बाद वे खुश नजर नहीं आईं। वार्ताकारों में से एक साधना रामचंद्रन के यह कहने पर कि 'शुक्रवार को हम 10-15 महिलाओं से अलग में बात करेंगे, इस तरह खुले मंच से बातचीत नहीं हो सकती। आप ही जगह चुनिए और 10-10 का ग्रुप बना लीजिए, ताकि बात कर हम कोई हल निकाल सकें', शाहीनबाग की महिलाओं ने नाराजगी जताई।

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इन्हें परेशानी से कोई मतलब नहीं

एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि- 'ये लोग सीएए या एनआरसी पर बात करने नहीं आए हैं, ये सिर्फ सड़क खुलवाने आए हैं। इन्हें हमारी परेशानी से कोई मतलब नहीं है। साधना जी कहती हैं कि ग्रुप में बात करो! हम क्या बात करेंगे ग्रुप में? 10 महिलाएं जाएंगी और वहां सिर्फ एक बोलेगी, बाकियों के दिल की बात दिल में ही रह जाएगी।"

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साधना रामचंद्रन ने आंदोलनकारियों को चेताया

महिला ने आगे कहा कि- 'हम तो पहले से ही बोल रहे हैं पुलिस ने जो सड़क बंद कर रखी है, उसे खोला जाए।' वकील साधना रामचंद्रन ने आंदोलकारियों को चेताया कि अगर बात नहीं बनी तो मामला फिर सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। तब सरकार जो चाहेगी, करेगी।