12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर शिवसेना और आरएसएस आमने-सामने? भाजपा पर भी दागे सवाल

अयोध्या के राम मंदिर निर्माण विवाद में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और शिव सेना आमने-सामने आते नजर आ रहे हैं।

2 min read
Google source verification

image

Mohit sharma

Nov 13, 2018

Shiv Sena

राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर शिवसेना और आरएसएस आमने-सामने? भाजपा पर भी दागे सवाल

नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर निर्माण विवाद में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और शिव सेना आमने-सामने आते नजर आ रहे हैं। आरएसएस की ओर से घोषणा की गई थी कि वो 25 नवंबर को अयोध्या में मंदिर मुद्दे पर जनाग्रह रैली करेगा, जबकि उसी दिन शिव सेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे भी इसी मुद्दे पर जोर देने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। ऐसे में शिवसेना को 25 नवंबर को संघ का यह आयोजन रास नहीं आ रहा है। वहीं, कई राजनीतिक दलों का मानना है कि राम मंदिर निर्माण 2019 लोकसभा चुनाव में एक मुद्दा बनने जा रहा है। संघ की ओर अयोध्या में 25 नंवबर को घोषित रैली को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का भी समर्थन मिला है। जानकारी के अनुसार अयोध्या के साथ ही संघ ऐसी रैलियों का आयोजन नागपुर और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी करेगा। इन रैलियों में देश के हजारों साधु-संतों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

हरियाणा: गांव के युवक ने छात्रा को अगवा कर रचाई शादी, फिर दोस्तों से करवाया गैंगरेप

उधर, शिवसेना ने संघ की जनाग्रह रैली को लेकर कई सवाल उठाए हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में पार्टी ने जनाग्रह रैली से कुछ नहीं होगा। सामना में प्रकाशित लेख में कहा गया कि अगर इस तरह की रैली से ही राम मंदिर का निर्माण हो गया होता तो 25 साल पहले अयोध्या में इतने कारसेवकों को अपनी जान क्यों गंवानी पड़ती। लेख में यह सवाल भी खड़ा किया गया कि आखिर संघ की जनाग्रह रैली के लिए तारीख किसने निर्धारित की। यही नहीं उस शख्स के नाम का भी खुलासा होना चाहिए, जिसने संघ से 25 नवंबर को जनाग्रह रैली की जानकारी दी। जबकि शिवसेना ने अयोध्या में रैली का कार्यक्रम विजयदशमी से पहले ही तय कर लिया था। फिर संघ ने उसी दिन ही जनाग्रह रैली करने का निर्णय क्यों लिया?

तेज प्रताप-ऐश्वर्या विवाद: वृंदावन में सुनी माता यशोदा की कहानी, फिर पिता लालू को याद कर खूब रोए तेज

आपको बता दें कि शिवसेना पहले ही राम मंदिर का निर्माण मुद्दे पर भाजपा को घेर चुकी है। शिवसेना ने कहा था कि अगर भाजपा सरकार चाहती तो बहुत पहले राम मंदिर का निर्माण कर सकती थी, लेकिन वह सिर्फ इसको चुनाव प्रचार तक समेट चुकी है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग