
Toolkit Case: Rahul Gandhi said- Truth is not afraid, Congress demands action on tweet of 11 ministers from Twitter
नई दिल्ली। टूलकिट का मामला अब धीरे-धीरे और भी गहराता जा रहा है और इसको लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है। बीते दिन सोमवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा कथित ‘कोविड टूलकिट’ मामले में माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजने और फिर शाम तक उनके दो कार्यालयों में छापेमारी पर सियासी संग्राम शुरू हो गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर को नोटिस भेजने और उनके दफ्तरों में छापेमारी को लेकर मंगलवार को एक बयान में कहा कि सत्य डरता नहीं है। उन्होंने ‘हैशटैग टूलकिट’ के साथ ट्वीट किया, ‘‘सत्य डरता नहीं।’’
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने 11 केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट को लेकर ट्विटर से कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस ने ट्विटर से आग्रह किया कि इन सभी नेताओं के खिलाफ उसी तरह की कार्रवाई की जाए जो ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ (छेड़छाड़ किए हुए तथ्यों) और ‘फर्जीवाड़े’ के दूसरे मामलों में की जाती है।
कांग्रेस ने इन मंत्रियों पर की कार्रवाई की मांग
आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर प्रबंधन को भेजे पत्र में कहा ‘फर्जी सामाग्री को प्रसारित करने के लिए ट्विटर के मंच के दुरुपयोग करने और ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ के दूसरे मामलों में कार्रवाई का जो मापदंड अपनाया जाता है, वही मापदंड इन मंत्रियों के ट्वीट के मामलों में भी अपनाई जाए।
सुरजेवाला ने अपने पत्र में जिन 11 केंद्रीय मंत्रियों के नाम का जिक्र किया है उनमें गिरिराज सिंह, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, प्रह्लाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल निशंक, थावरचंद गहलोत, हर्षवर्धन, मुख्तार अब्बास नकवी और गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम शामिल है। उन्होंने अपने पत्र में इन तमाम केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट के यूआरएल ट्विटर इंडिया के प्रबंधन को भेजे हैं और कारवाई की मांग की है। फिलहाल, भाजपा की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
क्या है पूरा मामला?
मालूम हो कि पिछले सप्ताह ट्विटर ने कथित 'कोविड टूलकिट' से संबंधित भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटे़ मीडिया’ बताया था। भाजपा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस इस टूलकिट के माध्यम से कोरोना वायरस के नए स्वरूप को 'भारतीय स्वरूप' या 'मोदी स्वरूप' बताकर देश व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है।
इसके बाद से इसे पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। केंद्र सरकार ने ट्विटर को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा, तो वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी सोमवार को नोटिस भेजा और जवाब मांगा। हालांकि शाम होते ही गुरुग्राम और दिल्ली स्थित ट्विटर के कार्यालय पर दिल्ली पुलिस की टीम ने छापेमारी की।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने भाजपा के सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया था कि बीजेपी उसे बदनाम करने के लिए फर्जी 'टूलकिट' का सहारा ले रही है। इसके बाद कांग्रेस ने संबित पात्रा और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह समेत कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ पुलिस में ‘जालसाजी’ का मामला दर्ज कराया।
Updated on:
25 May 2021 03:53 pm
Published on:
25 May 2021 03:37 pm
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