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Unlock 5.0: दिल्ली में स्कूलों को लेकर नया फैसला, डिप्टी-सीएम Manish Sisodia ने दी जानकारी

अनलॉक 5.0 के तहत स्कूलों को लेकर गृह मंत्रालय जारी कर चुका है गाइडलाइंस। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों ( Schools in Delhi ) को खोले जाने पर दी जानकारी। आगामी 31 अक्टूबर तक राजधानी के सभी स्कूल रहेंगे बंद, पहले 5 अक्टूबर तक था आदेश।

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Delhi Deuty CM Manish Sisodia informs

Delhi Deuty CM Manish Sisodia informs

नई दिल्ली। अनलॉक के पांचवें चरण के अंतर्गत देशभर के स्कूल-कॉलेज को खोलने का फैसला केंद्र सरकार ने राज्यों पर छोड़ा है। इस कड़ी में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजधानी में स्कूलों को खोले जाने ( Schools in Delhi ) के संबंध में ताजा जानकारी दी है। सिसोदिया ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते दिल्ली में स्कूलों को आगामी बंद करने की तारीख आगे बढ़ाते हुए अब 31 अक्टूबर तक कर दी गई है।

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दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मीडिया से चर्चा में बताया कि राजधानी में सभी स्कूलों को छात्रों के लिए आगामी 31 अक्टूबर 2020 तक बंद रखा जाएगा। इससे पहले राजधानी में 5 अक्टूबर तक स्कूलों को बंद रखे जाने के आदेश जारी किए गए थे।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में देशभर में कोरोना वायरस के 75,829 नए मामलों और 940 मौतों के साथ अब कुल केस की संख्या 65 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि देश में फिलहाल एक्टिव केस की संख्या 9,37,625 है, जबकि कुल केस 65,49,374 हो गए हैं। वहीं, देश में कुल मौत की संख्या 1 लाख पार होकर अब 1,01,782 पहुंच गई है, जबकि 55,09,966 लोग इस महामारी से ठीक हो चुके हैं।

अनलॉक में क्या हैं स्कूलों संबंधी नियम

अनलॉक 5.0 को लेकर जारी गृह मंत्रालय के ताजा दिशा-निर्देशों के मुताबिक स्कूलों को फिर से खोलने के लिए "राज्य/केंद्र शासित राज्यों को आगामी 15 अक्टूबर 2020 के बाद क्रमबद्ध ढंग से निर्णय लेने की अनुमति दी गई है। हालात के आकलन के हिसाब से संबंधित स्कूल/संस्थान प्रबंधन की सलाह से इस संबंध में फैसला लिया जाएगा।" एमएचए के मुताबिक पढ़ाई के प्रमुख मोड के रूप में ऑनलाइन एजुकेशन जारी रहेगी। इसके साथ ही स्कूलों में छात्रों को शारीरिक रूप से उपस्थित रहने का नियम लागू नहीं किया जा सकता है।

गृह मंत्रालय ने आगे बताया है कि अभिभावकों की लिखित सहमति से ही छात्र स्कूलों में जा सकते हैं। हाजिरी को अनिवार्य नहीं बनाना जाना चाहिए। स्कूल जाने का फैसला पूरी तरह से माता-पिता की सहमति पर निर्भर होना चाहिए।

गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL), भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल्स (SOP) के आधार पर और स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए स्वास्थ्य/सुरक्षा संबंधी सावधानियों के बारे में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपनी-अपनी SOP तैयार करेंगे।