
Unlock 5.0 guidelines released, Multiplex-cinema halls can open, schools reopening on states
नई दिल्ली। देशभर में आज से अनलॉक का पांचवां चरण लागू हो गया है। गृह मंत्रालय ने बुधवार शाम को 1 अक्टूबर से लागू किए जाने वाले अनलॉक 5.0 की गाइडलाइंस ( unlock 5.0 guidelines ) जारी कर दीं। इन गाइडलाइंस के मुताबिक अब राज्य सरकारें अपनी मर्जी से लॉकडाउन नहीं लागू कर सकेंगी। जबकि आगामी 15 अक्टूबर से मल्टीप्लेक्स-सिनेमाघरों, स्वीमिंग पूल, जनसभा, बैंक्वेट हॉल आदि को विशेष नियमों के साथ खुलने की छूट दी जाएगी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मानक संचालन प्रोटोकॉलज के साथ स्कूल खोलने पर फैसला लेने की अनुमति है।
लॉकडाउन पर मर्जी नहीं
अनलॉक 5.0 को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक देश के सभी इलाकों में 31 अक्टूबर तक कंटेनमेंट ज़ोन में लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय के सख्त निर्देश हैं कि बिना उनके परामर्श से राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर लोकल लॉकडाउन लागू नहीं करेंगी। इसके साथ ही राज्यों के भीतर और बाहर आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
सांस्कृतिक और धार्मिक समारोह में ढील
एमएचए ने सांस्कृतिक और धार्मिक समारोहों के नियमों में ढील दी है। पहले यह आयोजन 100 लोगों तक ही सीमित थे। अब राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को 15 अक्टूबर 2020 के बाद कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर 100 व्यक्तियों की सीमा से ज्यादा लोगों के साथ इस तरह के समारोहों की अनुमति देने की छूट दी गई है।
हालांकि, ऐसे स्थान जहां कार्यक्रम किसी हॉल के भीतर हो, मसलन बैंक्वेट हॉल आदि, वहां 50 फीसदी क्षमता या अधिकतम 200 लोगों को ही आने की अनुमति होगी। जबकि खुले में होने वाले आयोजनों में ग्राउंड के आकार को ध्यान में रखा जाएगा, हालांकि मंत्रालय ने इसकी सीमा को अनिवार्य नहीं किया है।
दोनों ही मामलों में मास्क, डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग और सैनेटाइज़र की व्यवस्था जरूरी है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस तरह की सभाओं में कोरोना वायरस का प्रसार ना हो, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें इस तरह की सभाओं के लिए विस्तृत SOP जारी करेंगी और कड़ाई से इसे लागू करेंगी।
उच्च शिक्षा संस्थान
उच्च शिक्षा संस्थानों में विज्ञान और टेक्नोलॉजी में पीएचडी या पोस्ट-ग्रेजुएशन करने वालों के लिए प्रयोगशालाएं 15 अक्टूबर से खोली जा सकती हैं। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गृह मंत्रालय के परामर्श से सभी कॉलेजों को खोलने का फैसला लिया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी
कंटेनमेंट जोन के बाहर फिलहाल एकमात्र चीज जो अभी भी प्रतिबंधित है, वो अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें हैं। वैसे भारत की पहले से ही 13 देशों के साथ एयर बबल की व्यवस्था है, जिसके अंतर्गत ये देश एक-दूसरे के यहां उड़ानों की इजाजत दिए हुए हैं।
सिनेमाघर-मल्टीप्लेक्स-प्रदर्शनी
एमएचए के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक सिनेमा, थियेटर और मल्टीप्लेक्स को उनकी बैठक क्षमता का 50 फीसदी तक संचालित करने की इजाजत होगी। इसके लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय एसओपी जारी करेगा।
बिजनेस टू बिजनेस (B2B) प्रदर्शनियों को भी इजाजत दी गई है जबकि स्वीमिंग पूल को "खिलाड़ियों के इस्तेमाल के लिए" और मनोरंजन पार्क को खोला जाएगा। इन सभी गतिविधियों के लिए संबंधित मंत्रालयों द्वारा SOP जारी होंगे और इन्हें 15 अक्टूबर से अनुमति दी जाएगी।
स्कूलों संबंधी नियम
स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर MHA ने कहा कि "राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को 15 अक्टूबर 2020 के बाद क्रमबद्ध तरीके से फैसला लेने की छूट दी गई है। इसका फैसला स्थिति के आकलन के आधार पर संबंधित स्कूल/संस्थान प्रबंधन की सलाह से लिया जाएगा।" हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन पढ़ाई के प्राथमिक यानी पसंदीदा मोड के रूप में जारी रहेगा और छात्रों को शारीरिक रूप से हाजिरी के लिए मौजूद रहने के नियम को लागू नहीं किया जा सकता है।
फिजिकल हाजिरी जरूरी नहीं
गृह मंत्रालय के मुताबिक, "जहां स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं और कुछ छात्र शारीरिक रूप से उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेना पसंद करते हैं, उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जा सकती है। छात्र अभिभावकों की लिखित सहमति से ही स्कूलों/संस्थानों में जा सकते हैं। हाजिरी को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए, और पूरी तरह से माता-पिता की सहमति पर निर्भर होना चाहिए।"
राज्य तैयार करें एसओपी
गाइडलाइंस में आगे लिखा गया, "स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL), भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली SOP के आधार पर स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्कूलों/संस्थानों को फिर से खोलने के लिए स्वास्थ्य/सुरक्षा संबंधी सावधानियों के बारे में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपनी-अपनी SOP तैयार करेंगे।"
कॉलेजों पर फैसला
वहीं, कॉलेजों पर MHA और उच्च शिक्षा विभाग स्थिति के आकलन के आधार पर फैसला ले सकता है। उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए वित्त पोषित, संस्थान के प्रमुख स्वयं/खुद को संतुष्ट करेंगे कि प्रयोगशाला/प्रायोगिक कार्यों के लिए विज्ञान और टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में रिसर्च स्कॉलर्स (पीएचडी) और स्नातकोत्तर छात्रों की कितनी वास्तविक आवश्यकता है।"
Updated on:
01 Oct 2020 02:04 am
Published on:
01 Oct 2020 01:55 am
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