8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Global Day of Parents 2021: क्यों मनाया जाता है ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स, जानिए कोरोना काल में इसका महत्व

वैश्विक माता-पिता दिवस मनाने के पीछे खास मकसद यह है कि लोग अपने माता-पिता को उनके कामों को लिए धन्यवाद देते हैं। जिस तरह माता-पिता नि:स्वार्थ होकर बच्चे की सेवा करते हैं।

2 min read
Google source verification
Global Day of Parents

Global Day of Parents

नई दिल्ली। हर साल 1 जून को दुनियाभर में माता-पिता का वैश्विक दिवस यानी (Global Day of Parents) मनाया जाता है। यह दिन बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया जाता है और माना जाता है कि बच्चों के पालन-पोषण और सुरक्षा के लिए परिवार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स कोई पब्लिक छुट्टी का दिन नहीं है बल्कि यह एक दिन है, जिसे वैश्विक स्तर पर केवल माता-पिता के सम्मान में मनाया जाता है।


ग्लोबल पेरेंट्स डे का महत्व
इस दिन वैश्विक स्तर पर लोग अपने माता-पिता को उनके किए गए कामों को लिए धन्यवाद देते हैं। माता-पिता नि:स्वार्थ होकर अपने बच्चे का पालन—पोषण करते है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि परिवार में एकता बनी रहे और बच्चे माता-पिता की अहमियत को समझ सकें। बच्चों के विकास के लिए एक अच्छे पारिवारिक वारतावरण में बड़े होना बहुत जरूरी है। माता-पिता ही अपने बच्चों को अच्छे गुण सिखाते है ताकि आगे चलकर आर्थिक समृद्धि और सामाजिक विकास में वृद्धि हो सके।

यह भी पढ़ें :— कोरोना से बचाने में कोविशील्ड और कोवैक्सीन कितनी असरदार: डेटा इकट्ठा कर रही सरकार, जल्द होगी समीक्षा


जानिए इस बार क्या है थीम
इस वर्ष इस दिवस की थीम 'दुनिया भर में सभी माता-पिता की सराहना करें' है। यह विषय लोगों को अपने परिवारों के बलिदानों की सराहना करने और उनके प्यार और स्नेह को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करता है। COVID-19 महामारी के बीच दुनिया भर के परिवार पीड़ित हैं। परिवार वह सुरक्षित स्थान था जिस पर लोग महामारी के दौरान वापस आए है। कोरोना काल में परिवार और माता-पिता के जीवन में होने से उनका महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। हर व्यक्ति के जीवन में माता-पिता का काफी महत्व होता है। इनके हमेशा दुख-सुख में बच्चों के साथ खड़े रहते है। मौजूदा समय में त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण के साथ—साथ प्रेम तथा सहयोग की भाव बढ़़ गया है। कोरोना ने परिवार के लोगों को एक-दूसरे की अहमियत से परिचित कराया है।

यह भी पढ़ें :— धीमी पड़ी कोरोना की दूसरी लहर: नए केस में भारी कमी, 3 हफ्ते बाद 50 प्रतिशत गिरावट, मौत का आंकड़ा भी घटा

ग्लोबल पेरेंट्स डे का इतिहास
ग्लोबल पेरेंट्स डे की शुरुआत यूएन जर्नल असेंबली में 1994 में की गई थी ताकि विश्वभर में माता-पिता का सम्मान किया जा सके। यह दिवस पेरेंटिंग में माता-पिता द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका के लिए मनाया जाता है। ग्लोबल पेरेंट्स डे के आइडिया को यूनिफिकेशन चर्च और सेनेटर ट्रेंट लॉट द्वारा समर्थित किया गया था, जिसके बाद इसे हर साल मनाया जाने लगा। साल 2012 में महासभा ने पूरे विश्व में सभी माता-पिता को सम्मानित करने के लिए इस दिन को चुना गया किया गया था। इस दिन बच्चों के प्रति निस्वार्थ प्रतिबद्धता और इस रिश्ते को पोषित करने के लिए उनके आजीवन बलिदान के लिए सभी माता-पिता की सराहना करने का अवसर प्रदान करता है।