ग्लोबल पेरेंट्स डे का महत्व
इस दिन वैश्विक स्तर पर लोग अपने माता-पिता को उनके किए गए कामों को लिए धन्यवाद देते हैं। माता-पिता नि:स्वार्थ होकर अपने बच्चे का पालन—पोषण करते है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि परिवार में एकता बनी रहे और बच्चे माता-पिता की अहमियत को समझ सकें। बच्चों के विकास के लिए एक अच्छे पारिवारिक वारतावरण में बड़े होना बहुत जरूरी है। माता-पिता ही अपने बच्चों को अच्छे गुण सिखाते है ताकि आगे चलकर आर्थिक समृद्धि और सामाजिक विकास में वृद्धि हो सके।
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जानिए इस बार क्या है थीम
इस वर्ष इस दिवस की थीम ‘दुनिया भर में सभी माता-पिता की सराहना करें’ है। यह विषय लोगों को अपने परिवारों के बलिदानों की सराहना करने और उनके प्यार और स्नेह को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करता है। COVID-19 महामारी के बीच दुनिया भर के परिवार पीड़ित हैं। परिवार वह सुरक्षित स्थान था जिस पर लोग महामारी के दौरान वापस आए है। कोरोना काल में परिवार और माता-पिता के जीवन में होने से उनका महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। हर व्यक्ति के जीवन में माता-पिता का काफी महत्व होता है। इनके हमेशा दुख-सुख में बच्चों के साथ खड़े रहते है। मौजूदा समय में त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण के साथ—साथ प्रेम तथा सहयोग की भाव बढ़़ गया है। कोरोना ने परिवार के लोगों को एक-दूसरे की अहमियत से परिचित कराया है।
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ग्लोबल पेरेंट्स डे का इतिहास
ग्लोबल पेरेंट्स डे की शुरुआत यूएन जर्नल असेंबली में 1994 में की गई थी ताकि विश्वभर में माता-पिता का सम्मान किया जा सके। यह दिवस पेरेंटिंग में माता-पिता द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका के लिए मनाया जाता है। ग्लोबल पेरेंट्स डे के आइडिया को यूनिफिकेशन चर्च और सेनेटर ट्रेंट लॉट द्वारा समर्थित किया गया था, जिसके बाद इसे हर साल मनाया जाने लगा। साल 2012 में महासभा ने पूरे विश्व में सभी माता-पिता को सम्मानित करने के लिए इस दिन को चुना गया किया गया था। इस दिन बच्चों के प्रति निस्वार्थ प्रतिबद्धता और इस रिश्ते को पोषित करने के लिए उनके आजीवन बलिदान के लिए सभी माता-पिता की सराहना करने का अवसर प्रदान करता है।