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जानिए भारतीय पासपोर्ट के अलग-अलग रंग क्यों होते हैं

आज के समय में पासपोर्ट बेहद जरूरी दस्तावेज में से एक है। हालांकि इसे बनवाना अब पहले के मुकाबले काफी आसान हो गया है। क्या आपने कभी भारत में जारी किए गए अलग-अलग रंगों के पासपोर्ट के बारे में सोचा है?

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Reason behind blue white and maroon passport in India

भारतीय पासपोर्ट के अलग अलग रंग होने के पीछे का कारण

आपको बता दें कि भारत में अभी तक तीन रंग के पासपोर्ट जारी किए जाते हैं। ये तीन रंग है- नीला, सफेद और मैरून रंग। हालांकि अब केंद्र सरकार ऑरेंज पासपोर्ट लाने की भी तैयारी कर रही है। बता दें कि इंडियन पासपोर्ट (passport) दुनिया में सबसे ताकतवर पासपोर्ट की लिस्ट में शामिल है। साथ ही हम भारतीय बिना वीजा लिए 59 देशों में ट्रैवल कर सकते हैं।

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नीले रंग का पासपोर्ट इंडिया के आम नागरिकों के लिए बनाया जाता है। नीला रंग इंडियंस को रिप्रजेंट करता है और इसे ऑफिशियल और डिप्लोमैट्स से अलग रखने के लिए सरकार ने यह अंतर पैदा किया है। इससे कस्टम अधिकारियों या विदेश में पासपोर्ट चेक करने वालों को भी आइडेंटिफिकेशन में आसानी होती है। बता दें कि पासपोर्ट में जारी किए गए शख्स का नाम होता है। उसकी बर्थडेट, बर्थप्लेस का जिक्र होता है। साथ ही उसकी फोटो, सिग्नेचर और उससे जुड़ी कुछ और जानकारियां मौजूद होती हैं।

सफेद रंग का पासपोर्ट गर्वनमेंट ऑफिशियल को रिप्रजेंट करता है। वह शख्स जो सरकारी कामकाज से विदेश यात्रा जाता है उस यह पासपोर्ट जारी किया जाता है। यह ऑफिशियल की आइडेंटिटी के लिए होता है। कस्टम चेकिंग के वक्त उन्हें वैसे ही डील किया जाता है। सफेद पासपोर्ट के आवेदक को पासपोर्ट पाने के लिए एक अलग से ऐप्लीकेशन देनी पड़ती है जिसमें बताना होता है कि आखिर उसको इस तरह के पासपोर्ट की जरुरत क्यों है? सफेद पासपोर्ट रखने वालों को कुछ अलग से सुविधाएं भी मिलती है।

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मरून रंग का पासपोर्ट इंडियन डिप्लोमैट्स और सीनियर गर्वनमेंट ऑफिशियल्स (जैसे आईपीएस, आईएएस रैंक के लोग) को मरून रंग का पासपोर्ट जारी किया जाता है। हाई क्वालिटी पासपोर्ट के लिए भी अलग से ऐप्लीकेशन दी जाती है। इसमें उन्हें विदेशों में एमबेंसी से लेकर यात्रा के दौरान तक कई सुविधाएं दी जाती हैं। साथ ही देशों में जाने के लिए वीजा की जरुरत नहीं पड़ती तो साथ ही इमिग्रेशन भी सामान्य लोगों की तुलना में काफी जल्दी और आसानी से हो जाता है।

बता दें कि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट उन लोगों को जारी किया जाता है जो भारतीय उच्चायोग के अधिकारी होते हैं या फिर जो सरकार के प्रतिनिधी हैं। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का रंग भी सामान्य पासपोर्ट से अलग इसलिए ही रखा जाता है ताकि अधिकारियों की पहचान अलग से की जा सकती है। इसके लिए अलग ऐप्लीकेशन इसलिए देनी होती है कि जिसमें बताना होता है कि आखिर उसको डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की जरुरत क्यों है? साथ ही विदेश में ऐसे पासपोर्ट धारक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना भी आसान नहीं होता।

यदि आप भी पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं तो आपको इन तमाम दस्तावेजों की जरूरत होगी।

आपको बर्थ सर्टिफ़िकेट या 10वीं क्लास के पास सर्टिफ़िकेट की सेल्फ़ अटेस्टेड फ़ोटो कॉपी। इस दौरान जिन लोगों के पास बर्थ सर्टिफ़िकेट नहीं है, उन्हें फ़र्स्ट क्लास मैजिस्ट्रेट (एसडीएम और सीनियर ऑफ़िसर) से अटेस्टेड सर्टिफ़िकेट की कॉपी लगानी होती है। साथ ही अड्रेस के लिए वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, बैंक पासबुक या बैंक स्टेटमेंट, इंश्योरेंस पॉलिसी, पावर ऑफ़ अटर्नी, बिजली-पानी आदि के बिल की सेल्फ़ अटेस्टेड फ़ोटो कॉपी। किराये के मकान में रहनेवालों को रजिस्टर्ड रेंट अग्रीमेंट के साथ दूसरे प्रूफ़ के तौर पर पैन कार्ड, पासबुक, डीएल आदि की कॉपी देनी पड़ती है। इसके साथ id प्रूफ के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, फ़ोटो लगी पासबुक और लेटेस्ट फ़ोटो की आवश्यकता होती है। इस दौरान फ़ोटो पासपोर्ट सेवा केंद्र में ही खिंचवाई जाती है।


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