ओडिशा ने कोविड-19 आरटी-पीसीआर परीक्षण ( RT-PCR Test ) की कीमत 400 रुपये रखी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यों को नोटिस देने के बाद कम की गई परीक्षण की कीमत।
एक याचिका में निजी लैबों पर परीक्षण के लिए मुनाफाखोरी किए जाने का आरोप।
With COVID-19 RT-PCR test price at Rs. 400, Odisha made it Lowest in India
नई दिल्ली। ओडिशा सरकार ने बुधवार को आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षणों ( RT-PCR Test ) के लिए निजी प्रयोगशालाओं द्वारा लिए गए मूल्य को 1,200 रुपये से घटाकर 400 रुपये कर दिया, जिससे यह देश के सभी राज्यों में सबसे कम हो गया है।
मीडिया के सामने स्वास्थ्य मंत्रालय का खुलासा, पूरे देश को कोरोना वैक्सीन देने की बात कभी नहीं की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि नई अधिकतम कीमत में जीएसटी (माल और सेवा कर) शामिल होगा। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके महापात्रा ने कहा कि परीक्षण किट और अन्य सामान की कीमत 1,200 रुपये से घटाकर 46 रुपये करने के कारण परीक्षण की लागत कम हो गई है।
इससे पहले, निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों द्वारा आरटी-पीसीआर परीक्षण की कीमत को 3 जुलाई और 25 अगस्त को दो बार कम किया गया था। तब इसे 4,500 रुपये से घटाकर क्रमश: 2,200 रुपये और फिर 1200 रुपये कर दिया गया था।
सरकार अब भी तेजी से रैपिड एंटीजेन परीक्षणों की कीमत 450 रुपये से नीचे लाने की योजना बना रही है। बता दें कि हाल ही में बिहार, यूपी, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों ने आरटी-पीसीआर परीक्षणों की अधिकतम कीमतों को कम किया है। जबकि दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और बिहार ने इसे 800 रुपये तक घटा दिया, यूपी ने इसे 700 रुपये तय किया है।
गौरतलब है कि ओडिशा में कोविड-19 मामले अक्टूबर से नीचे की ओर हैं और दैनिक सकारात्मकता दर 1.5 फीसदी से कम है। रोजाना किए जाने वाले 40,000 विषम परीक्षणों में से लगभग 6,000 आरटी-पीसीआर परीक्षण हैं।
पिछले 4 दिनों में मृत्यु दर भी एक अंक से नीचे आ गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य महामारी को नियंत्रित करने के रास्ते पर है। अब तक, ओडिशा में 3,19,583 लोगों को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया जा चुका है और 1,781 ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है।
ओडिशा सरकार ने बुधवार को कोविड-19 सकारात्मक रोगियों के घरों पर पोस्टर लगाने के अपने निर्देश को वापस ले लिया। इसने अब जिला कलेक्टरों और नगर निगम आयुक्तों से इस प्रथा को बंद करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि अगर पोस्टर्स लगाए जाते हैं तो कोविड मरीजों को अछूत माना जा रहा है।