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15 साल पुरानी गाड़ी के लिए आपके पास दो विकल्प, जानिए कौन सा चुनना फायदेमंद होगा

Published: Feb 18, 2021 02:14:12 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Highlights.
– प्रदूषण के साथ-साथ पुराने और डग्गामार वाहन दुर्घटनाओं का सबब भी बनते जा रहे है – सरकार पुराने वाहनों को स्क्रैप यानी नष्ट किए जाने को लेकर योजना तैयार कर रही है – संभवत: 1 अप्रैल 2021 से यह योजना लागू हो सकती है, मगर स्क्रैप के दौरान सतर्क रहना जरूरी
 

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नई दिल्ली।
देश में प्रदूषण की समस्या तो बढ़ ही रही है, पुराने और डग्गामार वाहन दुर्घटनाओं का सबब भी बनते जा रहे हैं। ऐसे में पुराने वाहनों को स्क्रैप यानी नष्ट किए जाने को लेकर योजना तैयार हो रही है। यह जल्द से जल्द सामने आ सकती है। माना जा रहा है कि इस संबंध में नई नीति सामने आने के बाद देश में 15 साल पुराने वाहन सडक़ों पर नहीं दिखेंगे।
सूत्रों की मानें तो 1 अप्रैल 2021 से लागू होने वाली इस नीति के बीच चर्चा इस बात की भी हो रही है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस मामले में सलाह करके कुछ और भी बेहतर विकल्प तलाश सकती हैं। एक सवाल यह भी है कि क्या लोगों के प्राइवेट कमर्शियल वाहनों के लिए भी यही नीति लागू होगी या फिर प्राइवेट वाहनों के लिए कुछ अलग नियम होंगे। खैर, यह तो नई नीति के सामने आने के बाद ही पता चलेगा, मगर इतना तय है कि आने वाले समय में 15 साल पुराने वाहन लोगों के लिए चिंता का सबब तो बन ही जाएंगे।
दरअसल, दिल्ली जैसे तमाम शहर जहां प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, वहां एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को प्रतिबंधित करने के आदेश दे दिए हैं। ऐसे में वाहन मालिकों को यह जानना बेहद जरूरी है कि भारत में अब तक के नियमों के तहत वैसे भी इतने पुराने वाहनों के इस्तेमाल पर रोक है। हालांकि, पुराने वाहनों के स्क्रैप के लिए कोई तय व्यवस्था नहीं होने से इनका इस्तेमाल अभी भी हो ही रहा है।
अगर कार 15 साल से ज्यादा पुरानी है तो किसी और राज्य में इसका फिर से रजिस्ट्रेशन संभव होता है, लेकिन यह काफी मुश्किलभरी प्रक्रिया है। कार की आरसी और एक्सपायरी डेट से पहले यह ट्रांसफर किया जाना होता है। तमाम नियम व शर्तें और दो क्षेत्रों के आरटीओ को मामला होने से यह प्रक्रिया बहुत जटिल भी हो जाती है।
अगर कार किसी और राज्य में नहीं जा रही तो इसके स्क्रैप का विकल्प भी खुला है। यानी कार के तमाम पुर्जे अलग करके इसे रीसाइकिल किया जाए। ऐसा करने से पुरानी कार के अवैध या आपराधिक इस्तेमाल पर भी रोक लग जाएगी। हालांकि, गाड़ी के स्क्रैप के दौरान सतर्क रहना और कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। मसलन, आधिकारिक स्क्रैप डीलर से स्क्रैप कराएं। स्क्रैप के समय चेसिस नंबर जरूर लें। आरटीओ को कार स्क्रैप किए जाने की जानकारी दें ओर रजिस्ट्रेशन रद्द करा लें।
यही नहीं पुराने वाहनों पर टैक्स भी बढ़ जाता है। ऐसे में यह देखना जरूरी हो जाता है कि भारी भरकम टैक्स दें और महंगा रखरखाव करें या जटिल प्रकिया के तहत दूसरे राज्यों में वाहन का ट्रांस्फर कराएं या फिर वाहन को सुरक्षित तरीके से स्क्रैप कराएं। आखिर कार है आपकी, तो कौन सा विकल्प बेहतर है, यह आप पर निर्भर करेगा।
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