अब इस दृढतापूर्ण और साहसपूर्ण कार्य के लिए उस भारतीय मूल की पत्रकार को एशिया के नोबल कहे जाने वाले पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया है। भारतीय मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन को उनके दो सहयोगियों के साथ शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के लिए गुप्त रूप से बनाए गए चीन के सामूहिक निरोध शिविरों को उजागर करने वाली नवीन खोजी रिपोर्टों के लिए पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया है।
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अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग श्रेणी में मेघा राजगोपालन को उनके दो सहयोगियों एलिसन किलिंग और क्रिस्टो बुशचेक के साथ यह पुरस्कार दिया गया है। बता दें कि शुक्रवार को पुलित्जर बोर्ड द्वारा पुरस्कार की घोषणा की गई।
एक और भारतीय मूल के पत्रकार ने जीता पुलित्जर
भारतीय मूल के एक और पत्रकार नील बेदी को भी पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया है। नील बेदी को टैम्पा बे टाइम्स के एक संपादक के साथ लिखी गई खोजी कहानियों के लिए स्थानीय रिपोर्टिंग श्रेणी में पुलित्जर दिया गया है। अपने लेख में नील बेदी ने फ्लोरिडा में एक कानून प्रवर्तन अधिकारी द्वारा बच्चों को ट्रैक करने के लिए अधिकार के दुरुपयोग को उजागर किया था।
इस तरह से चीन को किया बेनकाब
मेघा राजगोपालन और उनके सहयोगियों ने अपनी रिपोर्टिंग में चीन के हर दावे का पर्दापाश किया है और उइगुर मुस्लिमों के लिए बनाए कए डिटेंशन कैंपों की सच्चाई को उजागर किया है। तीनों ने डिटेंशन कैंपों के दो दर्जन पूर्व कैदियों के साथ अपने साक्षात्कार को पुष्ट करने के लिए उपग्रह इमेजरी और 3 डी आर्किटेक्चरल सिमुलेशन का इस्तेमाल किया।
इन कैंपों में उइगुर और अन्य अल्पसंख्यक जातियों के दस लाख मुसलमानों को नजरबंद किया गया है। हालांकि, चीन लगातार इससे इनकार करता रहा है और ये दावा करता रहा है कि इन सभी को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
मेघा कई देशों में कर चुकी हैं काम
द पुलित्जर पुरस्कार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, मेघा राजगोपालन लंदन में स्थित बज़फीड न्यूज के लिए एक पुरस्कार विजेता अंतरराष्ट्रीय संवाददाता हैं। वह चीन और थाईलैंड के साथ-साथ इज़राइल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में स्थित बज़फीड न्यूज के लिए एक संवाददाता रही हैं। इससे पहले वह चीन में रॉयटर्स के लिए एक राजनीतिक संवाददाता के तौर पर काम करती थीं।
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मेघा ने एशिया और मध्य पूर्व के 23 देशों से उत्तर कोरियाई परमाणु संकट से लेकर अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया तक की कहानियों पर रिपोर्ट दी है। उनके काम का सात भाषाओं में अनुवाद किया गया है। कोलंबिया और एनवाईयू में कक्षाओं में पढ़ाया जाता है और उनके लेखों को 2018 के व्हाट्स फ्यूचर: द ईयर बेस्ट राइटिंग ऑन व्हाट्स नेक्स्ट फॉर पीपल, टेक्नोलॉजी एंड द प्लैनेट में संकलित किया गया था।
मेघा के सहयोगियों में से एक एलिसन किलिंग एक लाइसेंस प्राप्त वास्तुकार और भू-स्थानिक विश्लेषक है जो तत्काल सामाजिक मुद्दों की जांच के लिए मानचित्र और डेटा का उपयोग करता है। क्रिस्टो बुशचेक एक प्रोग्रामर और डिजिटल सुरक्षा ट्रेनर है। वह डेटा पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों के लिए तैयार किए गए टूल बनाता है।