
वाशिंगटन।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 ( International Yoga Day 2019 ) की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। 21 जून होने वाले इस कार्यक्रम से पहले सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी इसके लिए खासा उत्साह देखा जा रहा है। रविवार को पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ( Yoga Day ) से पहले अमरीका के नेशनल हॉल में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए और योग किया। कुछ ऐसा ही हाल दुनियाभर में कई जगहों पर देखा जा रहा है।
अमरीका में योग दिवस की धूम
बता दें कि योग दिवस का उद्देश्य भारत की इस राष्ट्रीय धरोहर को वापस मुख्यधारा में लाना है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने संयुक्त राष्ट्र की सहायता से इसकी शुरुआत की थी। दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सार्वजनिक योग कार्यक्रमों की मेजबानी की जा रही है। खासकर अमरीका में योग दिवस ( Yoga day in America ) की काफी धूम देखी जा रही है।
अमरीका में घट रही है योग के खिलाफ सख्ती
बता दें कि अमरीका के स्कूलों में योग पढ़ाना मना है। योग के हेल्थ फायदों के अहम सबूत उपलब्ध होने के बावजूद, इसे मात्र 'विदेशी धार्मिक प्रभाव' के रूप में देखा जाता है। लेकिन यह भारत की पहल का ही असर है कि रविवार को वहां के नेशनल हॉल में 1500 से अधिक लोगों ने योग किया। अमरीका में भारत के राजदूत ने कहा, 'यह संख्या योग को अमरीकी लोगों से मिले जबरदस्त रिस्पॉन्स को दर्शाता है।' बता दें कि वॉशिंगटन में योगा शिविर के साथ-साथ इंडियन वेजिटेरियन फूड फेस्टिवल ( Indian vegetarian food festival ) का भी आयोजन किया गया।
यही नहीं, वहां योग करने वालों की संख्या में भी अब धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। योगा जर्नल की मानें तो अमरीका में करीब 36 मिलियन यानी 360 लाख लोग योगा करते हैं। बता दें कि यह संख्या US की कुल जनसंख्या का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा है। अमरीका में स्वामी विवेकानंद ने 1883 में सबसे पहले योग की शुरुआत की थी। इसके बाद परमहंस योगानंद ने इसके विस्तार में काफी बड़ा योगदान दिया।
दुनियाभर में International Yoga Day की तैयारियां
अमरीका के अलावा अन्य देशों की बात करें तो नेपाल, मॉरिशस और म्यांमार में भी योग दिवस के उपलक्ष्य में सार्वजनिक योग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यही नहीं, खाड़ी इलाकों की बात करें तो सऊदी अरब के जेद्दाह में भी इसी तरह का आयोजन हुआ। इसके साथ ही यूरोप के मॉस्को (रूस की राजधानी) और टोरंटो (कनाडा की राजधानी) में भी इसी प्रकार के शिविर लगाए गए।
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Updated on:
19 Jun 2019 04:27 pm
Published on:
19 Jun 2019 01:44 pm
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