
Patrika Data Story: Infection रोकने में कितनी कारगर फाइजर की Vaccine? दुनिया में ये हैं Corona के टीकों की कीमत
नई दिल्ली। ब्रिटेन सरकार ( UK Government ) ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन ( Pfizer Corona Vaccine ) को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही ब्रिटेन ने अपने यहां इस वैक्सीन को लगवाना भी शुरू कर दिया है, लेकिन इस बीच एक चौंकाने वाल खबर सामने आई है। फाइजर कंपनी ( Pfizer Company ) के चेयरमैन का कहना है कि हो सकता है कि यह वैक्सीन लगने के बाद भी लोग कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) के प्रकोप से न बच सकें। फाइजर फर्म के चेयरमैन अल्बर्ट बोरला ( pfizer company chairman Albert Bourla ) ने पिछले हफते एक इंटरव्यू के दौरान कहा मुझे लगता है कि अभी इसको लेकर परीक्षण किया जाने की जरूरत है।
कोरोना वायरय रोकने में 95 प्रतिशत असरदार
हम अभी इसको लेकर निश्चित नहीं हैं कि यह वैक्सीन लगने से कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने पर रोक लग सकेगी। दरअसल, यह इंटरव्यू उस समय रिकॉर्ड किया जब फाइजर ने इस बात की पुष्टि की कि वह दुनिया की इकलौती कंपनी है, जो साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन की 50 मिलियन डोज बेचने जा रही है। आपको बता दें कि क्लीनिकल ट्रॉयल में फाइजर की कोविड वैक्सीन कोरोना वायरय रोकने में 95 प्रतिशत असरदार पाई गई है। जिसके बाद यूके ने अपने यहां इस वैक्सीन को न केवल हरी झंडी दे दी, बल्कि इसका टीकाकरण भी शुरू कर दिया है। लेकिन कंपनी ने इसका कोई डाटा इकट्ठा नहीं किया कि जिन लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया था क्या वो कोरोना वायरस को रोक पाने में सफल हुए या नहीं। इसलिए इसकी पूरी संभावना है कि कहीं वैक्सीन लगवाने के बाद भी स्वंय सेवक कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार तो नहीं कर रहे।
वैक्सीन किस हद तक कारगर साबित हुई?
वहीं, वैश्विक विश्लेषण के अनुसार फाइजर की वैक्सीन 95 प्रतिशत तक कारगर साबित हुई है। यह परिणाम फाइजर, मॉडर्न, जॉनसन एंड जॉनसन एंंड ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेका के विश्लेषण के आधार पर आया है। इसके लिए उन्होंने लगभग 40 हजार लोगों को कोरोना वैक्सीन दो-दो खुराक दी। दरअसल, समझा जाता है कि क्लीनिकल ट्रायल के बाद वैक्सीन को लेकर पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है कि वैक्सीन किस हद तक कारगर साबित हुई है।
कोरोना वायरस को मात देने में समक्ष?
हालांकि अभी यह कहना जल्दी होगा कि यह वैक्सीन लोगोंं कोरोना वायरस के संक्रमण को नहीं रोक सकती। बंदरों और अन्य जानवरों पर किए गए शुरुआती ट्रायल्स में सामने आया कि उनमें वायरस का कोई लक्षण नहीं था, वहींं इंंसानों पर किए गए ट्रायल के बाद उनमें एंंडीबॉडी पाया गया। जबकि बाद के ट्रायल में पाया गया कि वैक्सीन बॉडी में इम्यून सिस्टम को मजबूत कर रही है, जो कोरोना वायरस को मात देने में समक्ष है।
किसको पहले दी जाएगी वैक्सीन-
इस महीने शुरू होने वाले कोरोना टीकारण के पहले फेज में-
- हेल्थ केयर वर्कर्स
-नर्सिंग होम, लॉंग टर्म फैसेलिटी रेजिडेंटस
जनवरी से शुरू होने वाले फेज दो में-
- नॉन-हेल्थ केयर स्टॉफ
-70 साल से अधिक
- 65 साल से अधिक
- 60 साल से अधिक
- 50 साल से अधिक
- पहले से बीमार लोगों को
अगले साल जनवरी के बाद शुरू होने वाले चरण में-
- युवा
- वयस्क
-बच्चे
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फाइजर की कोरोना वैक्सीन-
-असर- 95 प्रतिशत
-सप्लाई- 40 मिलियन ( इस साल), 100 मिलियन एडवांस बुकिंग
-कीमत- 20 डॉलर प्रति डोज
-स्टोरेज -95 डिग्री फारेनहाइट
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मोडेरन US
-असर- 94.5 प्रतिशत
-सप्लाई- 20 मिलियन इस साल, 100 मिलियन एडवांस बुकिंग
-कीमत- 32 से 37 डॉलर प्रति डोज
-स्टोरेज- 36 से 46 डिग्री फेरनहाइट
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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी UK एंड एस्ट्राजेनेका UK
-असर- 62 प्रतिशत से 90 प्रतिशत असरदार
-सप्लाई- 4 मिलियन डोज तैयार
- 100 मिलियन एडवांस बुकिंग
-कीमत- 4 डॉलर प्रति डोज
- स्टोरेज- 40 डिग्री सैल्सियस
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जॉनसन एंड जॉनसन ( US )
- असर- स्ट्रांग इम्यून रिस्पांस
- सप्लाई- 100 मिलियन डोज ( इस साल )
- कीमत- 10 डॉलर प्रति डोज
- स्टोरेज- 35.6 डिग्री से 46.6 डिग्री फारेनहाइट
Updated on:
05 Dec 2020 08:57 pm
Published on:
05 Dec 2020 03:42 pm
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